‘नाइट लाइफ’ को सुस्त रिस्पांस, ग्राहकों के बिना सूनी रहीं मुम्बई की जगमग सड़कें

punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2020 - 11:45 AM (IST)

बिजनेस डेस्क: मायानगरी की रातें रंगीन बनाने से जुड़ी सरकार की योजना शुरू हो गई है लेकिन इस योजना को मुम्बई वासियों का सुस्त रिस्पांस ही मिला। बी.के.सी. और नरीमन प्वाइंट की सड़कें जगमग जरूर रहीं मगर लोगों का उत्साह नहीं दिखा। वैसे इसे मंदी से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए। बी.के.सी. और नरीमन प्वाइंट व्यावसायिक इलाके हैं। जब तक दफ्तर खुले रहेंगे तभी तक यहां चहल-पहल होती है। ऑफिस बंद होने के बाद लोग अपने घर चले जाते हैं। ऐसे में दोनों इलाकों में रात में दुकानें तो खुली रहेंगी मगर ग्राहकों की कमी खलती रहेगी। नरीमन प्वाइंट और वर्ली इलाके में कई मॉल रात में बंद रहे। राज्य सरकार का मानना है कि यह योजना धीरे-धीरे जोर पकड़ेगी क्योंकि अभी लोगों को इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है। 

 

लोगों को शराब पीने की अनुमति नहीं
राज्य सरकार का मानना है कि नाइट लाइफ शुरू होने से लाखों लोगों का रोजगार मिलेगा। हालांकि नाइट लाइफ के दौरान लोगों को शराब पीने की अनुमति नहीं दी गई है। साथ ही रिहायशी इलाकों को इसका फायदा नहीं मिलेगा। फिलहाल मुम्बई के 25 मॉल को 24 घंटे खुला रखने की अनुमति दी गई है। इसके लिए सुरक्षा के संबंध में भी कई सुधार किए हैं। जो दुकान, होटल और रैस्टोरैंट रात में खुलेंगे वहां पार्किंग और सी.सी.टी.वी. की व्यवस्था अनिवार्य होगी। मुम्बई में नाइटलाइफ शुरू करने का प्रस्ताव 2013 में पारित हुआ था जिसे मुम्बई पुलिस आयुक्त ने 2015 में मंजूरी दी थी। 

 

सुरक्षा नियम का पालन करने वाले ही खोल सकते हैं रात को दुकानें
पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि कुछ सप्ताह में जब लोगों को यह महसूस होगा कि देर रात शॉपिंग करने में कोई खतरा नहीं है तब लोग घरों से निकलेंगे। उन्होंने कहा कि उन दुकानों को रात में खोले जाने की अनुमति है जो सुरक्षा नियम का पालन करते हैं। ठाकरे ने दोहराया कि मुम्बई सभी के लिए सुरक्षित है और ऐसी बनी रहेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि दुकानों, मॉल और रैस्टोरैंट चौबीसों घंटे खोलने का नियम वैकल्पिक है न कि अनिवार्य। 


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vasudha

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