निजी निवेश में कमी के लिए कांग्रेस नहीं, बल्कि सरकार की नीतियां जिम्मेदार, सीतारमण पर जयराम रमेश का पलटवार
punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2024 - 01:54 PM (IST)
नई दिल्ली : कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह दावा उनकी हताशा को दर्शाता है कि निजी निवेश को रोकने के लिए कांग्रेस द्वारा दुष्प्रचार किया जा रहा है। लोकसभा में मंगलवार को बजट पर चर्चा का जवाब दे रहीं सीतारमण ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था कि भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने और विदेशी निवेशकों को यह संदेश देने की साजिश रची जा रही है कि देश निवेश के लिए सुरक्षित नहीं है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने वित्त मंत्री पर पलटवार करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘भारत में निजी निवेश (घरेलू और विदेशी दोनों) जो भारत के आर्थिक विकास की गति को तेज़ करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, अभी भी बेहद सुस्त है और इसमें वृद्धि नहीं हो रही है। कॉरपोरेट कर में भारी कटौती और नॉन-बायलॉजिकल प्रधानमंत्री एवं उनके ‘चीयरलीडर्स' और उनके लिए ढोल पीटने वालों के आक्रामक पीआर के बावजूद यह स्थिति है।''उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने निजी निवेश को रोकने के लिए कांग्रेस के तथाकथित दुष्प्रचार को जिम्मेदार ठहराया है। यह स्पष्ट रूप से उनकी हताशा को दर्शाता है। उन्हें लगता है कि बोर्ड रूम में निवेश के फैसले मुख्य विपक्षी दल की बातों से तय होते हैं, न कि सत्ता में बैठी सरकार के कार्यों से।''
भारत में निजी निवेश - घरेलू और विदेशी - जो भारत के आर्थिक विकास की गति को तेज़ करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, अभी भी बेहद सुस्त है और आगे नहीं बढ़ पा रहा है। यह स्थिति कॉर्पोरेट टैक्स में भारी कटौती और नॉन-बायलॉजिकल प्रधानमंत्री एवं उनके चीयरलीडर्स और उनके लिए ढोल पीटने वालों के… pic.twitter.com/kcAPut8eYa
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 31, 2024
रमेश के मुताबिक, ‘‘उन्हें याद दिला दें कि पिछले दशक में निजी निवेश में गिरावट के वास्तविक कारण क्या हैं।'' उन्होंने दावा किया कि अनिश्चित नीति निर्माण मुख्य कारण है, जो नोटबंदी, असफल जीएसटी के कार्यान्वयन और बिना किसी तैयारी के लगाए गए कोविड-19 लॉकडाउन से हुआ है। रमेश ने कहा, ‘‘बड़े पैमाने पर मित्र पूंजीवाद को बढ़ावा देने के कारण अल्पाधिकारवाद (कुछ कंपनियों के वर्चस्व) में वृद्धि हुई है और प्रतिस्पर्धा के लिए जगह सीमित हो गई है। ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई के ‘रेड राज' के कारण व्यापारियों को भारत में निवेश बढ़ाने से डर लगता है।''