ऑफ द रिकॉर्डः ‘विपक्षी दलों के नए संयोजक बनकर उभर रहे माकपा के सीताराम येचुरी’
punjabkesari.in Saturday, Dec 19, 2020 - 06:07 AM (IST)
नई दिल्लीः मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी भाजपा के विरुद्ध विपक्षी दलों के नए संयोजक बनकर उभरते नजर आ रहे हैं। यद्यपि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि राष्ट्रपति के पास जाने के कार्यक्रम के पीछे मुख्य रूप से राहुल गांधी थे परंतु अब यह बात सामने आई है कि यह राहुल नहीं बल्कि सीताराम येचुरी थे जिन्होंने न केवल इस मामले में पहल की बल्कि विभिन्न नेताओं के बीच तालमेल भी बैठाया। वैसे सामान्यत:, पुराने समाजवादी नेता शरद यादव ऐसे प्रयासों में आगे रहते थे परंतु पिछले 2 महीने से वह कोविड व स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण अस्पताल में हैं।
अहमद पटेल की मृत्यु से भी विपक्ष को भारी धक्का लगा है क्योंकि सभी पार्टियों के नेताओं से उनके अच्छे संबंध थे। कांग्रेस ने पटेल की भूमिका निभाने के लिए अभी तक किसी को भी नहीं चुना है। इस अवसर पर सीताराम येचुरी ने यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली। येचुरी की राहुल गांधी भी अच्छे से सुनते हैं और इसलिए उन्होंने तालमेल करने की यह पहल की। एक और रोचक बात यह कि राष्ट्रपति ने 6 सदस्यों के शिष्टमंडल से मुलाकात की अनुमति दी थी तो येचुरी ने राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी को भी दिल्ली आकर इसमें शामिल होने के लिए संपर्क किया था।
तेजस्वी ने कोई बहाना बनाकर दिल्ली आने से मना कर दिया लेकिन कहा कि उनकी पार्टी की ओर से मनोज झा शिष्टमंडल में शामिल हो जाएंगे जो उस समय दिल्ली में ही थे। परंतु मनोज झा ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि उनकी माता बीमार हैं। शायद बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन से राजद राहुल गांधी से दूर ही रहना चाहती है। डी.एम.के. ने अपने एक छोटे नेता टी.के.एस. इलानगोवन को भेजा था। कांग्रेस को झटका देते हुए तेजस्वी पटना में किसानों के समर्थन में आयोजित पार्टी के धरने में भी शामिल नहीं हुए।