नरोदा गाम दंगा: SIT ने कहा, कोडनानी करीब 10 मिनट तक घटनास्थल पर मौजूद थीं

punjabkesari.in Friday, Aug 03, 2018 - 06:19 PM (IST)

अहमदाबाद: गुजरात के नरोदा गाम में वर्ष 2002 में हुए नरसंहार की जांच कर रही एसआईटी ने आज यहां विशेष अदालत को बताया कि मुख्य आरोपी एवं राज्य की पूर्व मंत्री मायाबेन कोडनानी करीब 10 मिनट तक घटनास्थल पर मौजूद थीं और ‘‘भीड़ को भड़काने’’ के बाद वह वहां से चली गयीं। विशेष लोक अभियोजक गौरांग व्यास ने आज की सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एम. के. दवे को बताया कि गोधरा में ट्रेन जलाए जाने की घटना के एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को नरोदा गाम में सुबह करीब नौ बजे कोडनानी की मौजूदगी के बारे में प्रत्यक्षर्दिशयों के रूप में हमारे पास ठोस सबूत हैं। बचाव पक्ष की ओर से पेश गवाह से जिरह करते हुए व्यास ने कहा कि ‘‘सिर्फ कोडनानी को बचाने के लिए ऐसे गवाह पैदा किये जा रहे हैं’’। इस गवाह ने दावा किया था कि कोडनानी उस दिन या तो गांधीनगर में गुजरात विधानसभा में थीं या सोला सिविल अस्पताल में थीं।  

कोडनानी ने किया था अदालत में दावा
कोडनानी ने अपने बचाव में अदालत में दावा किया था कि 28 फरवरी की सुबह वह गांधीनगर में विधानसभा में थीं और उसके बाद वह सोला सिविल अस्पताल गयी थीं जहां गोधरा से ‘कारसेवकों’ के शव लाए गए थे।  व्यास इस बात पर कायम थे कि सुबह करीब आठ बजकर 40 मिनट पर गांधीनगर से रवाना होने के बाद कोडनानी सुबह करीब नौ बजे नरोदा गाम पहुंचीं। उन्होंने कहा कि कोडनानी के मोबाइल टावर लोकेशन के रिकॉर्ड के अनुसार वह सुबह करीब 10 बजे सोला इलाके पहुची थीं।  प्रत्यक्षर्दिशयों की गवाही का हवाला देते हुए व्यास ने कहा कि उस इलाके के लोगों ने सुबह नरोदा गाम में कोडनानी को देखा था। उन्होंने कहा कि कोडनानी के खिलाफ मामला मुख्यत: नरोदा गाम इलाके के बाहर भीड़ को भड़काने वाला भाषण देने के बारे में है। व्यास ने कहा, ‘‘प्रत्यक्षर्दिशयों ने बताया है कि वहां वह करीब 10 मिनट रहीं। वह इलाके में नहीं गयीं। उन्होंने भीड़ को भड़काने वाला भाषण दिया और फिर चली गयीं। यह मामला मुख्यत: भीड़ को भड़काने का है।’’      


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Anil dev

Recommended News

Related News