स्पर्श शाह: पैदा होते ही शरीर में थे 35 फ्रैक्चर, PM मोदी-ट्रंप के सामने गाया था राष्ट्रगान...अब इस बड़े कॉलेज में मिला दाखिला
punjabkesari.in Tuesday, Aug 30, 2022 - 02:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क: तीन साल पहले अमेरिका में ‘हाउडी मोदी' कार्यक्रम में राष्ट्रगान गाने से चर्चा में आए मशहूर गायक स्पर्श शाह बोस्टन के ‘बर्कली कॉलेज ऑफ म्यूजिक' से बहुविषयक संगीत में स्नातक कर रहे हैं। अस्थिजनन अपूर्णता (ऑस्टियोजेनिसिस इपर्फेक्टा) नामक आनुवंशिक बीमारी से ग्रस्त स्पर्श शाह (19) ने कहा, ‘‘ कोई भी बाधा उन्हें रोक नहीं सकती।'' इस बीमारी के कारण लगभग 30 टूटी हड्डियों के साथ स्पर्श का जन्म हुआ था और उन्हें व्हील चेयर के सहारे आना-जाना पड़ता है। इस बीमारी में हड्डियां बेहद कमजोर होती हैं और हल्की-सी चोट या झटके से भी उनके टूटने का खतरा रहता है।
स्पर्श शाह ने कहा, ‘‘चिकित्सकीय स्थिति के कारण मेरे फेफड़े सामान्य लोगों से कमजोर हैं। इसलिए मुझे सांस पर नियंत्रित करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, ऐसी बाधाएं मुझे रोक नहीं सकतीं। मेरा लक्ष्य आत्मनिर्भर बनना और अन्य संगीतकारों के साथ काम करना है।'' स्पर्श के माता-पिता उनके जन्म से पहले ही गुजरात के सूरत से अमेरिका चले गए थे। स्पर्श अब मैसाचुसेट्स के बोस्टन के प्रसिद्ध ‘बर्कली कॉलेज ऑफ म्यूजिक' से बहुविषयक संगीत में स्नातक कर रहे हैं, जिसकी पढ़ाई चार साल की है। बचपन से ही गाने का शौक रखने वाले स्पर्श ने छह साल की उम्र में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू कर दिया था। वह पंडित जसराज संगीत विद्यालय से जुड़े मेवाती घराने के उस्तादों से संगीत सीख रहे हैं।
2019 में अमेरिका के टेक्सास में ‘हाउडी मोदी' कार्यक्रम में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन' गाने के बाद वह चर्चा में आए थे। स्पर्श के पिता हिरेन शाह ने बताया कि स्पर्श ने अपनी चिकित्सकीय स्थिति के कारण एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम का विकल्प चुना और वह एक वर्ष की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। स्पर्श अपने माता-पिता के साथ न्यू जर्सी में रहते हैं। स्पर्श और उनका परिवार इस समय अपने रिश्तेदारों से मिलने सूरत आया हुआ है और बुधवार को वह अमेरिका वापस जा रहे हैं।
हिरेन शाह ने कहा, ‘‘ हमें खुशी है कि स्पर्श ने बर्कली कॉलेज ऑफ म्यूजिक में दाखिला लिया है, जहां से करीब 300 ग्रैमी पुरस्कार विजेताओं ने पढ़ाई की है। चिकित्सकीय स्थिति के कारण स्पर्श ने एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम चुना है।'' उन्होंने बताया कि स्पर्श की अभी तक करीब आठ सर्जरी हो चुकी हैं। उनके शरीर में आठ ‘टाइटेनियम रॉड' और 22 ‘स्क्रू' हैं। हिरेन शाह ने कहा, ‘‘ वह व्हीलचेयर पर हैं, क्योंकि वह न तो खड़ा हो सकता है और न ही चल सकता है। अगर वह कुछ भारी उठाता है तो उसकी हड्डियां टूट जाती हैं। ऐसी बाधाओं के बावजूद, उसने अपने जीवन में काफी कुछ हासिल किया है और ऐसे प्रतिष्ठित कॉलेज में दाखिला भी पाया।