New Silver Rule: क्या 1 सितंबर के बाद चांदी हो जाएगी महंगी? सरकार बदलने जा रही है ये नियम
punjabkesari.in Thursday, Aug 28, 2025 - 12:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सरकार ने एक और अहम फैसला लेते हुए अब चांदी की शुद्धता सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। 1 सितंबर 2025 से चांदी की हॉलमार्किंग प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इससे पहले केवल सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य थी लेकिन अब उपभोक्ताओं को चांदी में भी शुद्धता की गारंटी मिलेगी। इस फैसले का मकसद है कि ग्राहकों को उनके पैसे के बदले शुद्ध और प्रमाणिक चांदी मिले और बाजार में चल रही मिलावट की समस्या पर रोक लगाई जा सके।
शुरुआत में नियम रहेगा स्वैच्छिक
फिलहाल यह हॉलमार्किंग नियम अनिवार्य नहीं होगा। यानी ग्राहक चाहें तो हॉलमार्क वाली चांदी खरीद सकते हैं और चाहें तो बिना हॉलमार्क वाली भी। लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में यह नियम सोने की तरह अनिवार्य कर दिया जाएगा। इससे विक्रेताओं की जवाबदेही तय होगी और उपभोक्ताओं को भी धोखा खाने से बचाया जा सकेगा।
क्या चांदी महंगी हो जाएगी? विशेषज्ञों की राय
बाजार में यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि क्या इस फैसले के बाद चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी होगी? विशेषज्ञों का कहना है कि हॉलमार्किंग से चांदी महंगी नहीं होगी। हालांकि हॉलमार्क वाली चांदी की मांग जरूर बढ़ेगी क्योंकि लोग अब गुणवत्ता को लेकर पहले से ज्यादा सजग हो गए हैं। हॉलमार्किंग एक तरह की सरकारी मुहर होती है जो बताती है कि जिस चांदी को आप खरीद रहे हैं वह कितनी शुद्ध है। यह पारदर्शिता बढ़ाएगी और उपभोक्ताओं को अधिक भरोसे के साथ खरीदारी करने में मदद करेगी।
कैसे तय होगी चांदी की शुद्धता? BIS ने बनाए 6 मानक
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने चांदी के लिए छह अलग-अलग शुद्धता स्तर तय किए हैं। इन स्तरों को स्टैम्प के रूप में चांदी के गहनों और वस्तुओं पर अंकित किया जाएगा। ये इस प्रकार हैं:
स्टैम्प | शुद्धता | उपयोग |
---|---|---|
800 | 80% चांदी, 20% अन्य धातुएं | सामान्य गहनों में उपयोग |
835 | 83.5% शुद्धता | कुछ परंपरागत डिज़ाइनों में |
900 | 90% शुद्धता | सिक्के और खास गहने |
925 | 92.5% शुद्धता (स्टर्लिंग सिल्वर) | सबसे लोकप्रिय, ज्वेलरी में ज्यादा इस्तेमाल |
970 | 97% शुद्धता | डिज़ाइनर बर्तन व महंगे गहने |
990 | 99% शुद्धता (फाइन सिल्वर) | सिल्वर बार और सिक्कों में |
इन नंबरों की मदद से ग्राहक आसानी से समझ सकेंगे कि जो चांदी उन्हें दी जा रही है उसकी असली शुद्धता क्या है।
ग्राहकों को कैसे मिलेगा फायदा?
इस कदम से उपभोक्ताओं को कई बड़े फायदे मिलने वाले हैं। सबसे पहला लाभ यह होगा कि अब ग्राहकों को शुद्धता की गारंटी मिलेगी। उन्हें यह स्पष्ट रूप से पता चल सकेगा कि जो चांदी वे खरीद रहे हैं वह असली है या नहीं। इसके साथ ही शुद्धता के आधार पर चांदी की कीमत तय करना आसान हो जाएगा, जिससे उपभोक्ता को उनके पैसे का सही मूल्य मिलेगा। हॉलमार्किंग व्यवस्था से बाजार में चल रही मिलावट और धोखाधड़ी की घटनाएं भी कम होंगी क्योंकि अब दुकानदार किसी भी स्तर की चांदी बेचने से पहले उसकी शुद्धता प्रमाणित करवाएंगे। इससे विक्रेताओं की जिम्मेदारी तय होगी और उपभोक्ता को पारदर्शी लेनदेन का अनुभव मिलेगा।
विक्रेताओं को भी करना होगा तैयार
इस नए नियम के अनुसार चांदी बेचने वाले दुकानदारों को हॉलमार्किंग केंद्र से जुड़ना होगा। उन्हें अपनी चांदी की शुद्धता जांच करानी होगी और सही स्टैम्प लगवाना होगा। यह प्रक्रिया खुद-ब-खुद नहीं होगी बल्कि सरकार के नियमों के अनुसार सावधानी से और सही तरीके से की जाएगी ताकि ग्राहकों को कोई नुकसान न पहुंचे।
आगे क्या हो सकता है?
1 सितंबर 2025 से यह नियम लागू होगा लेकिन भविष्य में इसे पूरा तरह से अनिवार्य भी किया जा सकता है। ठीक वैसे ही जैसे पहले सोने पर हॉलमार्किंग पहले स्वैच्छिक थी और फिर धीरे-धीरे पूरे देश में अनिवार्य कर दी गई।