कार में बैठी महिला अफसर को गोली से उड़ाया

punjabkesari.in Sunday, Sep 22, 2019 - 05:02 AM (IST)

पूर्वी दिल्ली: मधु विहार में दिनदहाड़े वारदात खबर मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने ऊषा को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। ऊषा के पास उनके पहने हुए जेवरात, पर्स व मोबाइल सुरक्षित मिला है। पुलिस लूट के लिए हत्या की बात से इंकार कर रही है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से बदमाशों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। 

ऊषा अपने परिवार के साथ राधे श्याम पार्क एक्सटेंशन, जगतपुरी में रहती थीं। इनके परिवार में पति कैलाश चंद गुप्ता, शादीशुदा बेटी श्रुति और एक बेटा संयम गुप्ता हैं। कैलाश एमटीएनएल से रिटायर हैं, जबकि ऊषा एक नामी इंश्योरेंस कंपनी के एचआर में असिस्टेंट मैनेजर थीं। रिटायरमेंट के बाद कैलाश चंद को किडनी की समस्या हो गई, जिसके चलते कैलाश को हफ्ते में तीन दिन डायलिसिस के लिए अस्पताल जाना पड़ता था। खुद ऊषा अपने पति को सुबह आई-10 कार से लेकर अस्पताल जाती थीं। कैलाश हर शनिवार को मधु विहार शनि मंदिर में दर्शन करते हुए अस्पताल जाते थे। शनिवार को ऊषा कैलाश को लेकर मंदिर पहुंची। वह चालक सीट पर बैठी रहीं, जबकि कैलाश मंदिर में दर्शन के लिए चले गए। इस बीच बाइक पर हेलमेट लगाकर आए दो अज्ञात बदमाशों ने चालक की साइड से ऊषा के सिर में गोली मार दी।

बेहद मिलनसार थीं ऊषा 
एक पड़ोसी ने बताया कि ऊषा बेहद मिलनसार थीं। कभी उन्होंने किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं की। वह हर पड़ोसी के सुख-दुख में खड़ी रहती थीं। ऊषा की मौत के बाद पूरे मोहल्ले में मातम का माहौल है। परिजनों का भी रोते-रोते बुरा हाल है। अगले साल ऊषा को रिटायर भी होना था। घर हो, मोहल्ला या फिर दफ्तर, ऊषा हर समय हर किसी की मदद के लिए तैयार रहती थीं। एक रिश्तेदार ने बताया कि अभी कुछ दिनों पूर्व एक गरीब महिला को इंश्योरेंस के पैसे नहीं मिल रहे थे। ऊषा ने काफी मशक्कत के बाद उस महिला के बीमा के साढ़े तीन लाख रुपए उसे दिलवाए थे। 

लूटपाट करने वाले किसी गैंग ने तो नही दिया वारदात को अंजाम?
पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि मॉर्निंग वॉकर्स से लूटपाट करने वाले किसी गैंग ने तो कहीं वारदात को अंजाम नहीं दिया हो। इस बात की भी संभावना है कि बदमाशों ने ऊषा से कार का दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया हो, लेकिन दरवाजा न खोलने पर बदमाशों ने गुस्से में उन पर गोली चला दी हो। ऊषा के पास से उनका सामान ज्यों का त्यों मिला है। इसी आधार पर पुलिस लूटपाट के कारण उनकी हत्या की बात से इंकार कर रही है। दूसरी ओर छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि वारदात के समय ऊषा ने कार को अंदर से लॉक कर कार का शीशा भी चढ़ाया हुआ था। 

मदद को आगे नहीं आया कोई 
ऊषा चालक सीट पर खून से लथपथ पड़ी थीं। कैलाश ने चिल्लाते हुए लोगों से मदद की गुहार लगाई। लेकिन वहां खड़ा कोई भी शख्स मदद को आगे नहीं आया। उनका कहना था कि यह पुलिस केस है। पुलिस ही ऊषा को अस्पताल ले जाएगी। कॉल करने के करीब 15 मिनट बाद पुलिस मौके पर पहुंची और ऊषा को अस्पताल ले जाया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। परिजनों का कहना है कि यदि समय पर ऊषा को अस्पताल पहुंचाया जाता तो शायद उनकी जान बच सकती थी। 


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Pardeep

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