मुंबई हमले के बाद PAK में सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहते थे मेनन

punjabkesari.in Friday, Oct 28, 2016 - 01:32 PM (IST)

नई दिल्ली: मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले के समय विदेश सचिव रहे शिवशंकर मेनन ने नया खुलासा किया है। मेनन ने कहा कि मुंबई हमले के बाद वे मुदीरके में लश्कर-ए-तैयबा के कैंपों या पीओके के आतंकी शिविरों या आईएसआई के खिलाफ तत्काल सैन्य कार्रवाई करना चाहते थे लेकिन मनमोहनसिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। मेनन ने कहा कि अगर उसी समय भारत  PoK स्थित आतंकी कैंपों को तबाह कर देता तो आज आतंकवाद इतना सिर नहीं उठाता। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, 2008 में मेनन का मानना था कि सैन्य कार्रवाई से भारतीय पुलिस और सुरक्षाबलों पर अक्षमता का लगा धब्बा हटाने में लंबा समय लग जाएगा।

आतंकियों के खिलाफ तीन दिन तक चली कार्रवाई को पूरी दुनिया ने तीन दिनों तक टीवी पर देखा था। उस समय मेनन को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बना दिया गया था। उन्होंने अपनी किताब 'च्वाइसेजः इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसी' में इस बात का जिक्र किया है। उनकी यह किताब ब्रिटेन और अमेरिका में प्रकाशित हुई है। उन्होंने कहा कि उस समय सैन्य कार्रवाई न करने और राजनयिक तथा अन्य विकल्पों पर विचार करने का फैसला वक्त और स्थान के हिसाब से सही था।

उन्होंने लिखा है कि भारत ने तत्‍काल पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई क्यों नहीं किया, इसका सीधा सा उत्तर है कि सरकार में उच्च स्तर पर विकल्पों पर विचार के बाद इस फैसले पर पहुंचा गया कि हमला करने से ज्यादा फायदा हमला न करने से होगा। गौरतलब है कि 2008 में 26 नवंबर को पाकिस्तान से आए लश्कर के 10 आतंकियों ने मुंबई पर हमला कर दिया था जिसमें 26 विदेशी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी। उरी में हुए आतंकी हमले के बाद पीओके में सेना की जवाबी कार्रवाई में 7 आतंकी शिविर ध्वस्त हो गए और 50 आतंकी मारे गए।


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