CIC ने PMO से पूछा पूर्व PM लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय मौत के रिकार्ड

punjabkesari.in Sunday, May 13, 2018 - 05:37 PM (IST)

नई दिल्ली : केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय मौत के कारणों की जांच के लिए 1977 में गठित राज नारायण समिति के रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय को निर्देश दिए हैं।

ताशकंद में 11 जनवरी , 1966 को हुई थी शास्त्री की रहस्यमय मौत
शास्त्री की 1966 में रहस्यमय ढंग से मौत हो गई थी। 1965 के भारत - पाकिस्तान युद्ध के बाद पाकिस्तानी राष्ट्रपति महमूद अयूब खान के साथ एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद ताशकंद में 11 जनवरी , 1966 को शास्त्री की मौत की परिस्थितियों की जांच करने के लिए जनता पार्टी सरकार ने इस समिति का गठन कथित तौर पर किया था। आयोग ने गौर किया कि समिति से संबंधित रिकॉर्ड का कथित तौर पर पता नहीं लग रहा है।

सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने पीएमओ , विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय को देश के दूसरे प्रधानमंत्री की मौत से संबंधित दस्तावेजों की उपलब्धता को लेकर बयान को प्रकाशित करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा ,‘ सरकारी अधिकारियों का यह संवैधानिक कर्तव्य है कि वे रिकॉर्ड के बारे में जानकारी दें और लोगों को उनके प्रिय नेता की मृत्यु के पीछे की सच्चाई जानने की वैध अपेक्षा है। इसके अलावा पीएमओ की यह प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वह लोगों को यह जानकारी दे कि दिवंगत लाल बहादुर शास्त्री के साथ क्या घटित हुआ था।’

आचार्युलु का यह निर्देश एक आरटीआई आवेदन पर आया है। शास्त्री की ताशकंद में मृत्यु हो गई थी जहां वह पाकिस्तानी राष्ट्रपति के साथ वार्ता करने के लिए गए थे। सीआईसी ने 2011 में अलग - अलग मामले की सुनवाई के दौरान शास्त्री की मृत्यु से संबंधित 11 पृष्ठों का खुलासा करने के निर्देश दिए थे। लेकिन विदेश मंत्रालय के एक दस्तावेज को रोकने की इजाजत दी थी जिसमें मुक्ति वाहिनी का संदर्भ था।

गृह मंत्रालय ने आवेदन को एनआईए के पास किया ट्रांसफर
गृह मंत्रालय ने नवदीप गुप्ता के वर्तमान आवेदन को भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) के पास स्थानांतरित किया है। सुनवाई के दौरान , एनएआई का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) ने आयोग को बताया कि सूचना विदेश मंत्रालय , रूस में भारतीय दूतावास , गृह मंत्रालय या किसी अन्य प्राधिकारी के पास हो सकती है।

आचार्युलु ने कहा ,‘सीपीआईओ ने बताया कि कुछ समाचार कतरनों की जानकारी को छोड़कर उनके पास दिवंगत प्रधानमंत्री की मृत्यु या पोस्ट - मॉर्टम के संबंध में कोई प्रामाणिक दस्तावेज नहीं है। यह भी बताया गया था कि दो महत्वपूर्ण गवाह शास्त्री के निजी चिकित्सक आर एन चुग और उनके घरेलू सहायक राम नाथ की सड़क दुर्घटनाओं में उस समय मौत हो गई जब वे समिति के समक्ष पेश होने के लिए आ रहे थे। लेख में दावा किया गया है कि समिति से संबंधित रिकॉर्ड संसद के पुस्तकालय में भी उपलब्ध नहीं थे।

इस पर संज्ञान लेते हुए आचार्युलु ने पीएमओ , एमएचए और एमईए से समिति से संबंधित रिकॉर्ड को देखने के लिए कहा है। उन्होंने पीएमओ , एमईए और एमएचए से शास्त्री की मृत्यु से संबंधित 11 पृष्ठों समेत रिकॉर्ड का खुलासा करने का भी निर्देश दिया है। शास्त्री की मौत से संबंधित ये 11 पन्ने कैबिनेट सचिवालय के पास हैं। सीआईसी ने इनका पहले खुलासा करने का आदेश दिया था। 


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