'हिंदी, अंग्रेजी या पंजाबी में कोई दिक्कत नहीं', पाकिस्तान से बातचीत में रुकावट का शशि थरूर ने बताया असली कारण

punjabkesari.in Wednesday, Jun 04, 2025 - 03:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर एक बार फिर सख्त संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत करने में कोई भाषा की समस्या नहीं है, बल्कि बातचीत तभी संभव है जब दोनों पक्ष शांति के लिए एक साझा नजरिया अपनाएं। थरूर ने स्पष्ट किया कि अगर पाकिस्तान देश में मौजूद सभी आतंकवादी ठिकानों और नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है, तभी भारत उसके साथ बातचीत करने के लिए तैयार होगा।

शशि थरूर इस समय ब्राजील में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी देशों में आतंकवाद के खिलाफ भारत के संदेश को सफलतापूर्वक पहुंचाया है, जिनमें कुछ ऐसे देश भी शामिल हैं जहां भारत के प्रति गलतफहमियां हो सकती हैं।

थरूर ने बातचीत में कहा, 'हम अपने वार्ताकारों से यह सवाल करते हैं कि अगर पाकिस्तान सच में निर्दोष है, जैसा वह दावा करता है, तो वह आतंकवादियों को क्यों पनाह देता है? आखिर कैसे ये आतंकवादी पाकिस्तान में आराम से रहते हैं, प्रशिक्षण शिविर चलाते हैं और लोगों को कट्टरपंथी बनाते हैं? वे हथियारों का अभ्यास कैसे कर पाते हैं?'

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत में भाषा बाधा नहीं है। 'हम उनसे हिंदी में बात कर सकते हैं, पंजाबी में बात कर सकते हैं, अंग्रेजी में बात कर सकते हैं। बातचीत में कोई समस्या नहीं है। समस्या यह है कि वे आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कदम उठाएं, जो उनके देश में फैला हुआ है। जब वे ऐसा करेंगे, तभी हम बातचीत के लिए तैयार होंगे।'

थरूर ने कहा कि भारत शांति चाहता है और विकास करना चाहता है, लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं चाहता। उनका मकसद भारत को अकेला छोड़ना, परेशान और कमजोर करना है। इस कारण बातचीत में मुश्किलें आ रही हैं। इस प्रकार शशि थरूर ने साफ कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कदम उठाए बिना पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता संभव नहीं है और भाषा या संवाद में कोई बाधा नहीं है।



 


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Content Editor

Mehak

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