अंतरिम जमानत के लिए निचली अदालत का रुख कर सकता है शरजील इमाम, दिल्ली हाई कोर्ट ने दी मंजूरी

punjabkesari.in Wednesday, Jun 01, 2022 - 08:14 PM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने राजद्रोह मामले में रिहाई के अनुरोध को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम की याचिका की सुनवाई के लिए 26 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है। इमाम को 2019 में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान दिए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया था।

न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) के प्रावधान को स्थगित किये जाने के कारण अंतरिम जमानत के लिए इमाम के दावे पर विचार को टाल दिया और कहा कि विवादित भाषण से संबंधित किसी भी निष्कर्ष का अन्य प्राथमिकी पर प्रभाव पड़ेगा और इसलिए विस्तृत सुनवाई करनी होगी।

अदालत ने कहा, ‘‘तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और चूंकि अभियोजन पक्ष ने आईपीसी की धारा 124ए के अलावा, धारा 153 भी लागू की है, एक विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता होगी।'' विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) की अनुपलब्धता के कारण स्थगन की मांग की। इमाम की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद मीर पेश हुए।

हाईकोर्ट ने 11 मई को एक आदेश के तहत देशभर में राजद्रोह के मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने, जांच और सभी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई पर तब तक के लिए रोक लगा दी थी, जब तक कोई ‘उचित' सरकारी मंच उपनिवेश काल के कानून का पुन: परीक्षण नहीं कर लेता। शीर्ष अदालत ने केंद्र एवं राज्य सरकारों को आजादी के पहले के इस कानून के तहत कोई नई प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के निर्देश भी दिये थे।

अदालत ने व्यवस्था दी थी कि प्राथमिकी दर्ज कराने के अलावा, देशभर में राजद्रोह संबंधी कानून के तहत चल रही जांचों, लंबित मुकदमों और सभी कार्यवाहियों पर भी रोक रहेगी। अभियोजन पक्ष का आरोप है कि इमाम ने 13 दिसंबर 2019 को कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिए थे।


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Yaspal

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