शाह 100 करोड़ रुपए की मानहानि का केस दायर करने के लिए असमंजस में

punjabkesari.in Sunday, Oct 15, 2017 - 09:26 AM (IST)

नेशनल डैस्कः भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि क्या ‘द वायर.इन न्यूज पोर्टल’ के खिलाफ 100 करोड़ रुपए का मानहानि का केस दायर किया जाए या नहीं जिसने उनके बेटे जय शाह की कम्पनी के बारे में खबर का खुलासा किया है। अमित शाह एंड कम्पनी की तरफ से रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा वैबसाइट के सम्पादकों और मालिकों के खिलाफ 100 करोड़ रुपए का केस ठोंकने की घोषणा किए जाने के बाद इस मामले को लेकर 2 विचार हैं। ‘शाह जादा’ ने संपादकों और वैबसाइट के खिलाफ अहमदाबाद में केवल आपराधिक मामला दायर किया है। इस विचार को लेकर फैसला किया गया कि 100 करोड़ रुपए के मानहानि केस की उपेक्षा की जाए क्योंकि वैबसाइट ने उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई गंभीर आरोप नहीं लगाया।

कहा गया है कि अमित शाह उनके बेटे के खिलाफ वैबसाइट की रिपोर्ट को लेकर इतने अधिक नाराज हैं कि वह उसको सबक सिखाना चाहते हैं। उन्होंने इस संबंध में वित्त मंत्री अरुण जेतली से सलाह की जिन्होंने उन्हें 100 करोड़ रुपए की मानहानि का केस दायर करने की सलाह दी। जेतली इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि मनगढ़ंत खबरों के प्रकाशन को रोकने के लिए आपराधिक और मानहानि का केस दायर करना ही इसका हल है। उन्होंने खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मामले दायर कर रखे हैं मगर भाजपा के सूत्रों ने कहा कि जेतली की सलाह सही नहीं क्योंकि सभी राजनेता एक जैसा रुख नहीं अपना सकते। जेतली का अपना मापदंड है मगर अमित शाह जनाधार के नेता हैं। वह ऐसे मामलों में अदालतों में अपना समय नहीं गंवा सकते। अगर मानहानि का केस दायर किया गया तो इसमें काफी धूल उड़ेगी।

वैबसाइट ने केवल वही छापा है सार्वजनिक रूप से उसे जो जानकारी मिली थी। केंद्रीय मंत्री और समूची पार्टी को इन आरोपों का खंडन करने के लिए उतारना गलत राजनीतिक कदम है। यह मामला जय शाह से संबंधित है और पार्टी का इसके साथ सरकारी तौर पर कुछ लेना-देना नहीं है। वास्तव में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए 3 दिन का समय लिया और अरुण जेतली भी इस मामले को लेकर असमंजस में हैं। मालूम हुआ है कि 100 करोड़ का मानहानि का मामला दायर करने का फैसला जेतली के अमरीका से लौटने के बाद लिया जाएगा और अब इस संबंध में प्रधानमंत्री से भी सलाह ली जाएगी। रोचक बात यह है कि अमित शाह ने भी यह खबर छपने के एक सप्ताह बाद मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी।


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