वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का निधन, PM मोदी ने जताया दुख
punjabkesari.in Thursday, Aug 23, 2018 - 11:41 AM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रेस की आजादी और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा संघर्षरत रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का कल आधी रात के बाद यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। वरिष्ठ पत्रकार के बड़े बेटे सुधीर नैयर ने बताया कि उनके पिता की मौत कल आधी रात के बाद 12 बजकर 30 मिनट पर एस्कॉर्ट्स अस्पताल में हुई।
Kuldip Nayar was an intellectual giant of our times. Frank and fearless in his views, his work spanned across many decades. His strong stand against the Emergency, public service and commitment to a better India will always be remembered. Saddened by his demise. My condolences.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुलदीप नैयर को आज ‘‘बुद्धिजीवी’’ बताया और कहा कि वरिष्ठ पत्रकार को उनके निर्भीक विचारों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह उनके निधन से दुखी हैं। मोदी ने ट्विटर पर कहा कि कुलदीप नैयर हमारे समय के बुद्धिजीवी थे। अपने विचारों में स्पष्ट और निर्भीक। बेहतर भारत बनाने के लिए आपातकाल, जन सेवा और प्रतिबद्धता के खिलाफ उनका कड़ा रुख हमेशा याद किया जाएगा।
Saddened at the passing away of fearless, popular veteran journalist and author Kuldip Nayar. My condolences to his family, admirers and colleagues
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 23, 2018
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने पत्रकार के परिवार, उनके प्रशंसक और सहर्किमयों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की है। ममता ने ट्वीट किया कि निडर पत्रकार और लेखक कुलदीप नैयर की मौत से दुखी हूं, मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, प्रशंसक और सहर्किमयों के साथ है।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीलाल ने वरिष्ठ पत्रकार के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट किया कि वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर के निधन की बुरी खबर मिली। वह प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ाई के लिए याद किये जाएंगे. उनके निधन से राष्ट्र को बड़ी हानि हुई है।
नैयर का अंतिम संस्कार लोधी शवदाह गृह में आज दोपहर एक बजे किया जाएगा। नैयर को प्रेस की आजादी और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने वाले पत्रकार के रूप में जाना जाता है। उन्होंने स्टेट्समैन सहित विभिन्न अखबारों में काम किया। वह 1990 में ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त भी रहे और 1997 में उन्हें राज्य सभा के लिए मनोनीत किया गया। देश में लगे आपातकाल के दौरान उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। वरिष्ठ पत्रकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच के तनावपूर्ण संबंधों को भी सामान्य करने की लगातार कोशिश की। उन्होंने अमृतसर के निकट अटारी-बाघा सीमा पर कार्यकर्ताओं के उस दल का नेतृत्व किया था, जिन्होंने भारत और पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर वहां मोमबत्तियां जलाई थी।
नैयर ने ‘बियॉन्ड द लाइन्स: एन ऑटोबायोग्राफी’और ‘बिट्वीन द लाइन्स’ जैसी प्रसिद्ध पुस्तकें लिखी । इसके अलावा उन्होंने भारतीय राजनीति से संबंधित कई किताबें लिखी। वरिष्ठ पत्रकार प्रतिष्ठित स्तंभकार थे और उन्होंने 50 से ज्यादा अखबारों में संपादकीय लिखा है। उनका जन्म पाकिस्तान के सियालकोट में 1923 में हुआ था और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत उर्दू अखबार से की थी।
नैयर का जन्म 14 अगस्त 1924, सियालकोट जो की अब पाकिस्तान का हिस्सा है में हुआ था। उन्होंने अमेरिका से पत्रकारिता की डिग्री ली थी। वह काफी दशकों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय थे, उन्होंने कई किताबें भी लिखी थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर उर्दू प्रेस रिपोर्टर की थी। वह दिल्ली के समाचार पत्र द स्टेट्समैन के संपादक भी रह चुके थे। पत्रकारिता के अलावा वह बतौर एक्टिविस्ट भी कार्यरत थे। इमरजेंसी के दौरान कुलदीप नैयर को भी गिरफ्तार किया गया था।