टूटी फूटी स्कूल की इमारत में पढऩे को मजबूर बच्चे, धूूप और बारिश में बैठते हैं बाहर
punjabkesari.in Wednesday, Oct 31, 2018 - 12:12 PM (IST)
पुंछ : एक और जहां सरकार सब पढ़ो सब बढ़ो, शिक्षा है अनमोल रतन, जैसे नारे बुलंद करते नहीं थकती वहीं सरकार एवं प्रशासन द्वारा सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं करवाई जाती हैं। स्कूली विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित रहती है और विद्यार्थिओं को भारी परेशानिओ का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला पुंछ जिले की मंडी तहसील के गांव सलूणिआ मोहल्ला लोहरा स्थित रारंभिक स्कूल का सामने आया। स्कूल की ईमारत टूटी-फूटी तथा बदत्तर हालत में है मानो ईमारत अभी गिरने वाली है वही हालत इतने बुरे हैं की वर्षा के दिनों अक्सर बच्चों को घर भेज दिया जाता है जबकि धूप के दौरान बच्चे अक्सर खुले आकाश के नीचे पढऩे को मजबूर हंै।
स्कूल की हालत इतनी खराब है कि मां-बाप भी बच्चों को स्कूल भेजने से डरते हैं। स्कूल में कुल 46 विद्यार्थी पढऩे के लिए आते हैं। स्थानीय निवासी असलम ,खुर्शीद ,अफजल ,इकबाल ,जावेद ,परीन आदि का कहना है कि हमारा क्षेत्र तहसील मंडी जोन के अंतर्गत पड़ता है और ये स्कूल हमारे लिए हर लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है पर परेशानी है कि इस स्कूल की इमारत पिछले काफी सालों से टूटी-फूटी है जो कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। स्कूल के विद्यार्थी अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन भी करते रहते हैं पर आज तक किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
सर्व शिक्षा के तहत बनाई गई थी इमारत
स्कूल की ईमारत वर्ष 2010-11 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत बनाई गई थी जो वर्ष 2014 में आयी भीषण बाढ़ एवं वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हो गयी थी और ईमारत में जहां जगह-जगह दरारें आ गयी थीं वहीं ईमारत का काफी हिस्सा टूट भी गया था।
क्या कहना है अधिकारियों का
इस मुद्दे पर पंजाब केसरी द्वारा जिला विकास आयुक्त पुंछ राहुल यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में आपसे संज्ञान मिला है और मैं निजी तौर पर इस पूरे मामले की जांच करवाऊंगा और अगर ये मामला सही हुआ तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। जल्द से जल्द स्कूल की इमारत का जीर्णोद्धार करके लोगो को समर्पित की जायेगी। मैं आपके माध्यम से एक बात कहना चाहता हूँ कि हर स्कूल में हर प्रकार की सुविधा प्रदान की जायेगी और हमारा प्रथम कर्तव्य लोगो को सुविधा प्रदान करना है।