सवर्णों को 10% आरक्षण: PIL पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, केंद्र को भेजा नोटिस

punjabkesari.in Friday, Jan 25, 2019 - 01:20 PM (IST)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर विचार करने को सहमत है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 10 फीसदी आरक्षण पर फिलहाल कोई रोक नहीं होगी। साथ ही कोर्ट ने कहा कि वह 124वें संविधान संशोधन का भी परीक्षण करेगा। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दायर याचिकाओं के आधार पर नोटिस जारी कर इस संबंध में चार हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है। इस मामले पर यूथ फॉर इक्वॉलिटी समेत कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं और 124वें संविधान संसोधन को चुनौती दी गई है।
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क्या कहा गया याचिका में

  • ‘यूथ फॉर इक्वैलिटी’ ने इसे खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि आर्थिक मापदंड आरक्षण का एकमात्र आधार नहीं हो सकता।
  • आर्थिक आधार पर आरक्षण को सामान्य वर्ग तक सीमित नहीं रखा जा सकता
  • 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा का उल्लंघन नहीं किया जा सकता इसलिए यह प्रावधान संविधान का उल्लंघन करता है।
  • कारोबारी तहसीन पूनावाला ने भी याचिका दायर करके इसे खारिज करने का अनुरोध किया है।

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उल्लेखनीय है कि शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने सवर्ण गरीबों को सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में दस फीसदी आरक्षण देने का बिल लाई जोकि लोकसभा और राज्यसभा में पास हो चुका है। इतना ही नहीं बिल को राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद कई राज्यों इसे लागू कर दिया है। गुजरात सरकार ने इस बिल को सबसे पहले लागू किया।

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Seema Sharma

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