सुप्रीम कोर्ट में बोले याच‍िकाकर्ता, आधार जरूरी करना नागरिक अध‍िकारों की हत्या

punjabkesari.in Wednesday, Jan 17, 2018 - 05:23 PM (IST)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के एक पांच न्यायाधीश संविधान पीठ ने आधार मामले में अंतिम सुनवाई शुरू कर दी है। भारतीय न्यायमूर्ति दिपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ, और चार अन्य न्यायाधीश जस्टिस ए.एम. खानविलकर, आदर्श कुमार सिकरी, डी.वाय. चंड्राचुद और अशोक भूषण, आधार की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते कहा है कि यह किसी व्यक्ति की गोपनीयता का मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है और इसे जरूरी करना नागरिक अध‍िकारों की हत्या है।

इससे पहले 9 जजों के संविधान पीठ ने कहा था कि निजता एक मौलिक अधिकार है। 15 दिसंबर को पीठ ने बैंक खातों और मोबाइल नंबर सहित सभी सेवाओं और योजनाओं के साथ आधार संख्या के अनिवार्य संबंध के लिए समय सीमा  31 मार्च 2018 तक बढ़ा दी थी। याचिकाकर्ताओं ने आधार का डेटा लीक होने और डेटा प्रोटेक्शन को लेकर भी सवाल उठाए हैं। केंद्र सरकार ने आधार से लिंक करने की डेडलाइन के फैसले को वापस ले लिया था।पहले आधार से लिंक करने की डेडलाइन 31 दिसंबर थी। केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया था कि जिन लोगों के पास आधार नहीं है, सरकार उनके लिए डेडलाइन 31 दिसंबर 2017 से बढ़ाकर 31 मार्च 2018 कर दी गई है।

आाधार की सुरक्षा को लेकर उठ चुके हैं सवाल 
कुछ दि‍न पहले ही अमेरि‍की व्‍हि‍सल ब्‍लोअर एडवर्ड स्‍नोडेन ने चेतावनी दी थी कि‍ आधार डाटाबेस का मि‍सयूज कि‍या जा सकता है। स्‍नोडेन ने यह बात ऐसे वक्‍त पर कही है जब आधार डाटा की सुरक्षा को लेकर कई तरह की खबरें आ रही हैं। इस बयान से एक दि‍न पहले यह खबर आई थी कि‍ महज 500 रुपए में आधार डाटा उपलब्‍ध है। इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए यूआईडीएआई ने कहा कि‍ उनका सिस्टम पूरी तरह सिक्योर है और इसके मिसयूज को तुरंत पकड़ा जा सकता है। 


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