Supreme Court का बड़ा फैसला: एसिड अटैक और दिव्यांगों के लिए बैंकिंग सेवाएं होंगी आसान
punjabkesari.in Wednesday, Apr 30, 2025 - 06:30 PM (IST)

नेशनल डेस्क : Supreme Court ने एक ऐतिहासिक फैसले में एसिड अटैक पीड़ितों और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया को आसान बनाने का आदेश जारी किया है। अदालत ने इसे मौलिक अधिकारों से जोड़ते हुए, सभी नागरिकों को डिजिटल सेवाओं तक समान पहुंच देने की दिशा में 20 दिशानिर्देश जारी किए हैं।
"लाइव फोटोग्राफ" की बाधा पर कोर्ट सख्त
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि मौजूदा डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया में "लाइव फोटोग्राफ" के तहत आंखें झपकाने की शर्त होती है, जो एसिड अटैक से पीड़ित और नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए पूरी करना असंभव है। उदाहरणस्वरूप, एक पीड़िता ने बताया कि वह 2023 में ICICI बैंक में खाता नहीं खोल सकीं क्योंकि वह आंख नहीं झपका सकती थीं।
डिजिटल एक्सेस को मौलिक अधिकार माना
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, "आधुनिक युग में, जब आर्थिक अवसर डिजिटल पहुंच पर आधारित हैं, अनुच्छेद 21 को तकनीकी प्रगति के संदर्भ में नए सिरे से देखने की जरूरत है।" कोर्ट ने यह भी कहा कि डिजिटल सेवाओं की समान पहुंच सुनिश्चित करना केवल सरकार का नहीं, बल्कि सभी हितधारकों का दायित्व है।
RBI, SEBI, TRAI समेत सभी नियामकों को निर्देश
अदालत ने भारतीय रिजर्व बैंक, SEBI, TRAI और अन्य नियामकों को निर्देश दिया है कि वे अपने अधीनस्थ संस्थानों को इन दिशा-निर्देशों का तुरंत पालन कराने के आदेश जारी करें। इन निर्देशों का उद्देश्य वित्तीय सेवाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को सभी के लिए सुलभ बनाना है।
समाज के हाशिए पर मौजूद लोगों के लिए नई उम्मीद
सामाजिक संगठनों और दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह निर्णय डिजिटल समावेशन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा और एसिड अटैक सर्वाइवर्स, दृष्टिबाधितों सहित अन्य अक्षम व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा।
अदालत ने मांगे सुझाव
सुप्रीम कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों से यह भी कहा है कि वे वर्तमान डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया में मौजूद खामियों और सुधार के संभावित उपायों पर लिखित सुझाव प्रस्तुत करें। विस्तृत आदेश की प्रति जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी।