''जनता को गुमराह करने का समय रात 8 बजे...'', PM मोदी के 5 बजे संबोधन करने पर संजय राउत ने कसा तंज
punjabkesari.in Monday, Sep 22, 2025 - 08:41 PM (IST)

नेशलन डेस्क: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट के नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पीएम आमतौर पर रात 8 बजे लोगों को संबोधित करते हैं, लेकिन इस बार शाम 5 बजे का समय चुनना हैरान करने वाला है। राउत का कहना है कि 21 सितंबर को भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के चलते यह समय चुना गया, ताकि बीजेपी कार्यकर्ता बिना भाषण चूके मैच देख सकें।
'रात 8 बजे लोगों को गुमराह करने का समय होता है': संजय राउत
मुंबई में मीडिया से बात करते हुए संजय राउत ने कहा: “प्रधानमंत्री का राष्ट्र को संबोधित करने का मानक समय रात 8 बजे होता है। लोगों को गुमराह करने का यही समय है। लेकिन इस बार शाम 5 बजे क्यों? सब हैरान रह गए।” उन्होंने आगे कहा: “भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच चल रहा था और बीजेपी कार्यकर्ता चाहते थे कि वो बिना किसी रुकावट के मैच देख सकें। इसलिए प्रधानमंत्री का भाषण शाम 5 बजे रखा गया। यह कैसी देशभक्ति है?”
पीएम मोदी ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की
रविवार शाम को राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 'वोकल फॉर लोकल' का संदेश दोहराया। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि 'भारत में बने उत्पाद' ही खरीदें और हर घर व दुकान को स्वदेशी का प्रतीक बनाएं। पीएम मोदी ने कहा “हमें ऐसे उत्पाद खरीदने चाहिए, जो भारत में बने हों, जिनमें हमारे युवाओं की मेहनत और पसीना लगा हो”। उन्होंने जीएसटी सुधारों को "बचत उत्सव" बताया और कहा कि इनसे आम जनता को सीधे तौर पर फायदा होगा।
GST और आयकर छूट से 2.5 लाख करोड़ की बचत: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल में हुई जीएसटी दरों में कमी और आयकर छूट के फैसलों से लोगों को 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत होगी। उनका कहना था कि: “छोटे व्यापारियों और एमएसएमई को जीएसटी में छूट का सीधा लाभ मिलेगा। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर यह बड़ा कदम है।”
'नागरिक देवो भव' के मंत्र पर केंद्रित योजनाएं
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार 'नागरिक देवो भव' के मंत्र पर चल रही है और सभी नीतियां जनहित को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों में इसका असर और साफ दिखाई देगा।