अब पुतिन ने दोस्त मोदी की पीठ में घोपा छुरा ! ठुकराया भारत का प्रस्ताव, पाकिस्तान के पक्ष में  लिया बड़ा फैसला

punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 06:27 PM (IST)

International Desk: रूस ने भारत की आपत्ति को नज़रअंदाज करते हुए पाकिस्तान के JF-17 ब्लॉक III फाइटर जेट्स के लिए RD-93MA एडवांस इंजन सप्लाई करने का फैसला किया है। ये जेट्स पाकिस्तान और चीन के संयुक्त उत्पादन का हिस्सा हैं और अब इन्हें रूस के इंजन मिलने से नई तकनीकी क्षमता हासिल होगी।

 

भारत की अपील और रूस का फैसला
भारत, जो दशकों से रूस का रणनीतिक साझेदार रहा है, ने मॉस्को से अपील की थी कि पाकिस्तान के लिए यह डील रोकी जाए। कारण यह था कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव और सुरक्षा चिंताएं बढ़ रही हैं। भारत ने तर्क दिया कि पाकिस्तान के एडवांस जेट्स में रूसी इंजन लगने से क्षेत्रीय संतुलन प्रभावित होगा लेकिन क्रेमलिन ने भारत की अपील को खारिज कर दिया। रूस ने स्पष्ट किया कि यह डील रूस और पाकिस्तान के रक्षा संबंधों के तहत की जा रही है और इसमें किसी तरह की रोक नहीं होगी।

 

इंजन की तकनीकी जानकारी

  • इंजन का नाम: RD-93MA
  • निर्माता: रूस की यूनाइटेड इंजन कॉर्पोरेशन (United Engine Corporation – UEC)
  • उपयोग: JF-17 ब्लॉक III फाइटर जेट्स
  • विशेषता: यह इंजन पाकिस्तान के सबसे एडवांस जेट्स को शक्ति प्रदान करेगा और इनकी गति, रेंज और युद्धक क्षमता में सुधार करेगा।

 

नई दिल्ली के लिए बड़ा कूटनीतिक झटका
पाकिस्तान का दावा है कि JF-17 ब्लॉक III अब भारत के राफेल और सुखोई-30MKI के मुकाबले की स्थिति में हैं। यह कदम पाकिस्तान को दक्षिण एशिया में रणनीतिक मजबूती देने वाला माना जा रहा है। रूस का यह फैसला नई दिल्ली के लिए बड़ा कूटनीतिक झटका है। यह स्पष्ट करता है कि मॉस्को अपनी संतुलित विदेश नीति के तहत भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ रिश्ते बनाए रखना चाहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से भारत-रूस के लंबे समय से चले आ रहे रक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी पर असर पड़ सकता है। यह भी दिखाता है कि रूस दक्षिण एशिया में अपने प्रभाव को बनाए रखने के लिए दोनों पड़ोसी देशों के साथ गठजोड़ कर रहा है।

 

भविष्य की संभावनाएं

  • JF-17 ब्लॉक III के साथ RD-93MA इंजन के आने से पाकिस्तान की वायु सेना की क्षमता बढ़ेगी।
  • भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई ताकत का संतुलन प्रभावित हो सकता है।
  • रूस और भारत के बीच आने वाले रक्षा सौदों और तकनीकी सहयोग पर भी इस फैसले का प्रभाव पड़ सकता है।

 


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Content Writer

Tanuja

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