पाकिस्तान की नई करतूतः ऑपरेशन सिंदूर पर स्कूली सिलेबस में शामिल की शर्मनाक जानकारी, छापे ये बड़े-बड़े झूठ !
punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 02:35 PM (IST)

Islamabad: पाकिस्तान अपनी नई पीढ़ी को गुमराह करने के लिए स्कूली किताबों में झूठी और काल्पनिक कहानियां लिख रहा है। अब पाकिस्तान ने मई 2025 में भारत के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अपनी स्कूली किताबों में झूठ और गुमराह करने वाली जानकारी शामिल कर दी है। ऑपरेशन सिंदूर पर फैलाई गई ये झूठी जानकारी दिखाती है कि पाकिस्तान इतिहास को अपने फायदे के लिए तोड़-मरोड़ कर पेश करने से बाज नहीं आता।
किताबों में झूठे दावे
पाकिस्तान की किताबों में दावा किया गया है कि उसने भारत के 26 महत्वपूर्ण ठिकानों और एयरबेस पर हमले किए, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बार-बार अपील के बाद ही युद्धविराम के लिए तैयार हुआ। जबकि हकीकत यह है कि पाकिस्तान ने कश्मीर में आम नागरिकों और आतंकियों के माध्यम से हमले किए, जिनके जवाब में भारत ने सटीक सैन्य कार्रवाई कर पाकिस्तान के 11 एयरबेस को तबाह कर दिया।
झूठ नंबर-1
पाकिस्तान ने अपनी किताबों में लिखा कि 6 मई 2025 को भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया। जबकि हकीकत यह है कि पाकिस्तान के आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में हमला किया था, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा।
झूठ नंबर-2
किताब में दावा किया गया कि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय ठिकानों पर हमला किया। असलियत यह है कि पाकिस्तान ने आम नागरिक इलाकों पर हमला किया। भारत ने सियालकोट, लाहौर और इस्लामाबाद सहित पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर जोरदार जवाबी कार्रवाई की।
झूठ नंबर-3
पाकिस्तानी किताबों में दावा किया गया कि पाकिस्तान ने भारत के एयरबेस और 26 रणनीतिक ठिकानों को नष्ट किया। जबकि सच्चाई यह है कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को ब्रह्मोस मिसाइल से तबाह किया, जिनमें मुरीद, नूर खान, रफीकी, सरगोधा, चकलाला और रहीम यार खान शामिल हैं।
झूठ नंबर-4
पाकिस्तान ने लिखा कि भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की अपील पर युद्धविराम की गुहार लगाई। असलियत यह है कि **प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि भारत कोई मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। अमेरिकी उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मध्यस्थता के बावजूद पाकिस्तान को युद्धविराम के लिए भारत से सीधा समझौता करना पड़ा।
बता दें कि पाकिस्तान हमेशा से इतिहास को अपने अनुसार तोड़-मरोड़ कर पेश करता आया है। 1971 के युद्ध में भी पाकिस्तान खुद को विजेता बताता था, जबकि उसके 93 हजार सैनिक भारत के सामने सरेंडर कर चुके थे और देश के दो टुकड़े हो चुके थे।