NPS Rule Change: सरकारी कर्मचारियों के लिए NPS नियमों में बदलाव: अब हर महीने सैलरी का 10 प्रतिशत...

punjabkesari.in Saturday, Oct 12, 2024 - 10:29 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में अंशदान के नियमों में बदलाव किया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पेंशन एंड पेंशनर्स डिपार्टमेंट ने एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया है, जिसमें नए गाइडलाइंस की जानकारी दी गई है। ये नए नियम एनपीएस में कर्मचारियों के योगदान को लेकर महत्वपूर्ण बदलावों को दर्शाते हैं।

प्रमुख बदलाव
मंथली सैलरी का योगदान:
सभी कर्मचारियों के लिए उनकी मंथली सैलरी का 10 प्रतिशत एनपीएस में योगदान अनिवार्य होगा। यह योगदान समय-समय पर समीक्षा के अधीन रहेगा।

सस्पेंशन के दौरान: अगर कोई कर्मचारी सस्पेंड होता है, तो उसे एनपीएस अंशदान जारी रखने का विकल्प दिया जाएगा। सस्पेंशन हटने के बाद, वह जब फिर से सेवाओं में शामिल होगा, तो उस समय के वेतन के आधार पर योगदान की नई गणना की जाएगी।

प्रोवेशन पीरियड: प्रोवेशन अवधि के दौरान भी एनपीएस में योगदान अनिवार्य होगा, ताकि कर्मचारियों की पेंशन सेविंग्स जल्द शुरू हो सकें।

अवैतनिक अवकाश: अवैतनिक अवकाश पर रहने वाले कर्मचारियों को अंशदान करने की आवश्यकता नहीं होगी। अन्य विभागों या संगठनों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों को भी एनपीएस में योगदान देना होगा, बशर्ते उनका ट्रांसफर न हुआ हो।

गलती होने पर: अगर योगदान में कोई गलती होती है, तो उसे ब्याज सहित लाभार्थी के पेंशन अकाउंट में जमा कर दिया जाएगा।

NPS के लाभ
सालाना औसत रिटर्न: एनपीएस ने हाल के वर्षों में म्यूचुअल फंड्स को पछाड़ते हुए बेहतर रिटर्न दिया है।

इक्विटी स्कीम:
5 साल: 19.6% (एनपीएस-ई), 18.7% (म्यूचुअल फंड)
10 साल: 13.9% (एनपीएस-ई), 14.8% (म्यूचुअल फंड)

कॉरपोरेट बॉन्ड स्कीम:
5 साल: 7.6% (एनपीएस-सी), 6.4% (बैंकिंग-पीएसयू फंड)
10 साल: 8.8% (एनपीएस-सी), 7.2% (बैंकिंग-पीएसयू फंड)

जी-सेक स्कीम:
5 साल: 7.7% (एनपीएस-जी), 6.5% (गिल्ट फंड्स)
10 साल: 9.2% (एनपीएस-जी), 7.9% (गिल्ट फंड्स)

निवेश के विकल्प
एक्टिव चॉइस:
निवेशक 50 वर्ष की आयु तक अपने योगदान का अधिकतम 75 प्रतिशत इक्विटी में निवेश कर सकते हैं, जबकि शेष 25 प्रतिशत सरकारी प्रतिभूतियों और कॉरपोरेट बॉंड में आवंटित किया जाता है।

ऑटो चॉइस (लाइफ साइकल फंड): इसमें निवेशकों को तीन विकल्प मिलते हैं, जिनमें विभिन्न जोखिम स्तर के आधार पर इक्विटी में निवेश किया जाता है।

ये नए गाइडलाइंस सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस में अंशदान को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।


 


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Content Writer

Anu Malhotra

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