Rule Change: लाइफ इंश्योरेंस से जुड़ा ये नियम, अब पॉलिसी सरेंडर पर मिलेगा ज्यादा रिफंड!

punjabkesari.in Tuesday, Oct 01, 2024 - 04:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अक्टूबर महीने के पहले दिन, यानी 1 अक्टूबर 2024 से, भारत में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों से जुड़े कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव किया गया है। बीमा नियामक IRDAI (भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण) ने पॉलिसी सरेंडर के नियमों में संशोधन किया है, जिससे अब पॉलिसीधारकों को पॉलिसी सरेंडर करने पर अधिक रिफंड मिलेगा। यह कदम पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है और इससे उन्हें अपनी पॉलिसी के साथ अधिक लचीलापन मिलेगा।

गारंटीड सरेंडर वैल्यू का नया नियम
नए नियम के अनुसार, यदि कोई पॉलिसीधारक अपनी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी को पहले वर्ष में सरेंडर करता है, तो उसे अपने द्वारा जमा किए गए पूरे प्रीमियम का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। पहले के नियमों के अनुसार, पॉलिसीधारकों को सरेंडर वैल्यू पाने के लिए कम से कम दो साल तक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता था। हालांकि, अब IRDAI ने स्पष्ट किया है कि पॉलिसीधारक पहले साल से ही गारंटीड सरेंडर मूल्य प्राप्त कर सकते हैं, भले ही उन्होंने केवल एक वार्षिक प्रीमियम ही क्यों न भरा हो।

सरेंडर करने का अर्थ
पॉलिसी सरेंडर का मतलब है कि पॉलिसीधारक अपनी बीमा पॉलिसी को मैच्योरिटी तक नहीं चलाना चाहता और वह इसे पहले बंद करना चाहता है। जब ऐसा होता है, तो पॉलिसीधारक को एक निश्चित राशि लौटाई जाती है, जिसे सरेंडर वैल्यू या अर्ली एग्जिट पेआउट कहा जाता है। यह राशि गारंटीड सरेंडर वैल्यू (GSV) या स्पेशल सरेंडर वैल्यू (SSV) में से अधिक होगी। सरेंडर वैल्यू की गणना करते समय, यह सुनिश्चित किया जाता है कि ब्याज दर 10-वर्षीय सरकारी सिक्योरिटीज पर वर्तमान यील्ड और अतिरिक्त 50 बेसिस पॉइंट से अधिक नहीं हो।

रिफंड का उदाहरण
इस नए नियम का प्रभाव समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए कि कोई व्यक्ति 10 साल की मैच्योरिटी पीरियड वाली लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेता है, जिसमें सम एश्योर्ड 1 लाख रुपये है और सालाना प्रीमियम 10,000 रुपये है। अब नए नियमों के अनुसार, यदि पॉलिसीधारक पहले साल में अपनी पॉलिसी सरेंडर करता है, तो उसे 7,823 रुपये की रिफंड राशि मिलेगी, जो लगभग 78% है।

इसी तरह, अगर सम एश्योर्ड 5 लाख रुपये है और पॉलिसीधारक पहले साल में 50,000 रुपये का प्रीमियम चुका चुका है, तो नए नियमों के तहत एक साल बाद पॉलिसी सरेंडर करने पर उसे 31,295 रुपये की रिफंड राशि मिलेगी। यह बदलाव पॉलिसीधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान करता है, क्योंकि इससे उन्हें अचानक वित्तीय आवश्यकताओं के समय में सहायता मिलेगी।

लॉन्ग टर्म निवेश में कम फायदा
हालांकि, IRDAI द्वारा लागू किए गए इस नए नियम का एक नकारात्मक पहलू भी हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस नियम से लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी रखने वाले निवेशकों को लॉन्ग टर्म निवेश में कम फायदा हो सकता है। दरअसल, पॉलिसी सरेंडर करने पर मिलने वाली राशि में वृद्धि से बीमा कंपनियों की लागत बढ़ सकती है। इसके परिणामस्वरूप, लंबी अवधि तक पॉलिसी रखने वाले निवेशकों को पहले की तुलना में कम रिटर्न मिलने की संभावना है। रिपोर्टों के अनुसार, Non-PAR (Non-Participating) पॉलिसियों पर रिटर्न में 0.3-0.5 फीसदी की कमी आ सकती है, जबकि PAR (Participating) पॉलिसियों में बोनस पेमेंट भी कम हो सकता है।

नए नियमों का उद्देश्य पॉलिसीधारकों को अधिकतम लाभ पहुंचाना है, और यह बदलाव उन्हें अधिक लचीलापन प्रदान करता है। हालाँकि, दीर्घकालिक निवेश के संदर्भ में संभावित प्रभावों को भी ध्यान में रखना आवश्यक है। इससे पॉलिसीधारक सोच-समझकर निर्णय ले सकेंगे कि उन्हें अपनी पॉलिसी कब सरेंडर करनी चाहिए। ऐसे में, यह समझना महत्वपूर्ण है कि लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी एक दीर्घकालिक वित्तीय उत्पाद है, और इसे एक गंभीर वित्तीय निर्णय के रूप में देखना चाहिए।


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Content Editor

Mahima

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