मालवीय जी की कार्यपद्धति पर चल रहा है आरएसएस– भागवत

punjabkesari.in Thursday, Oct 04, 2018 - 01:00 AM (IST)

नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि महामना मदन मोहन मालवीय ने भारत के भावी स्वरूप और उसे प्राप्त करने के लिए जिस कार्यपद्धति की कल्पना की थी, संघ वही काम कर रहा है।

भागवत ने महामना के जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तक ‘महामना मदनमोहन मालवीय-व्यक्तित्व एवं विचार’ के विमोचन के मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि महामना मदनमोहन मालवीय सनातन धर्म पर अटूट विश्वास रखते थे और परतंत्रता के काल में उन्होंने भावी भारत का संपूर्ण रेखाचित्र बनाया था। उन्होंने कर्मयोगी का जीवन जीया और प्रेरणा दी कि किस प्रकार से राष्ट्रीय स्वाभिमान को बनाये रखते हुए विश्व को स्नेहबंधन में बांधा जाये।

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वे भावी भारत के निर्माण की बात करते थे
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि महामना मालवीय ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। संघ के दूसरे सरसंघचालक गुरुजी माधव सदाशिव गोलवलकर वहीं पढ़ाते थे और दोनों के बीच प्रगाढ़ संबंध थे। मालवीय जी भावी भारत के निर्माण के लिए जिस कार्यपद्धति की कल्पना करते थे, वहीं हम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से उनके रहते हम उसे पूरा नहीं कर पाये जिसका कटु फल हमें देशविभाजन के रूप में चखना पड़ा।

सरसंघचालक ने कहा कि स्वामी विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस के समान ही मालवीय जी भारत की धरती पर जन्में ऐसे महापुरुष थे जिनके जीवन में गाय, गीता, गंगा और गायत्री मंत्र का महत्व था। उनके जीवन में धर्म, दर्शन, शिक्षा, पत्रकारिता, राजनीति आदि के सात सुर थे। उन्होंने अपने जीवन में धर्म एवं धर्ममय राजनीति पर बल दिया।  कार्यक्रम में पुस्तक का प्रकाशन करने वाले राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष डॉ. बलदेव भाई शर्मा भी उपस्थित थे।


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