'स्लीप मोड में भेजा गया रोवर, 22 सितंबर को मिलेगा अगला अपडेट', ISRO ने दी ताजा जानकारी
punjabkesari.in Saturday, Sep 02, 2023 - 10:38 PM (IST)

नेशनल डेस्कः इसरो (ISRO) ने शनिवार को रोवर को स्लीप मोड में भेज दिया है। अगला अपडेट अब 22 सितंबर को मिलेगा। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी। इसरो ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, “रोवर ने अपना कार्य पूरा कर लिया। इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क किया गया है और स्लीप मोड में सेट किया गया है। APXS और LIBS पेलोड बंद हैं। इन पेलोड से डेटा लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर प्रेषित किया जाता है। फिलहाल, बैटरी पूरी तरह चार्ज है। सौर पैनल 22 सितंबर, 2023 को अपेक्षित अगले सूर्योदय पर प्रकाश प्राप्त करने के लिए उन्मुख है। रिसीवर चालू रखा गया है। असाइनमेंट के दूसरे सेट के लिए सफल जागृति की आशा! अन्यथा, यह हमेशा भारत के चंद्र राजदूत के रूप में वहीं रहेगा।“
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) September 2, 2023
The Rover completed its assignments.
It is now safely parked and set into Sleep mode.
APXS and LIBS payloads are turned off.
Data from these payloads is transmitted to the Earth via the Lander.
Currently, the battery is fully charged.
The solar panel is…
इससे पहले इसरो चीफ ने प्रमुख एस सोमनाथ ने कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें ‘‘निष्क्रिय'' किया जाएगा। सोमनाथ ने कहा कि लैंडर ‘विक्रम' और रोवर ‘प्रज्ञान' अब भी काम कर रहे हैं और ‘‘हमारी टीम अब वैज्ञानिक साजो-सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘अच्छी खबर यह है कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि वहां (चांद पर) रात होने वाली वाली है।''
अब तक चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान पर लगे एक उपकरण ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सतह में गंधक होने की स्पष्ट रूप से पुष्टि की है। इसरो ने यह भी कि कहा कि उपकरण ने उम्मीद के मुताबिक एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता लगाया है।
बता दें कि इसरो (ISRO) ने 23 अगस्त की शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान3 की सफल लैंडिंग कराकर इतिहास रच दिया। चांद पर पहुंचने वाला भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बना। वहीं, दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया। रूस ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना मिशन लूना 25 की सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सका। रूस के लैंडर की चंद्रमा पर क्रैश लैंडिंग हुई।