रोहिंग्या लोगों को भेजा जाएगा वापस, भारत को प्रवचन न दे दुनिया: रिजिजू

punjabkesari.in Wednesday, Sep 06, 2017 - 03:30 AM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के म्यांमार दौरे के बीच भारत ने साफ किया है कि वह म्यांमार से अवैध तरीके से घुस आए रोहिंग्या मुस्लिमों की पनाहगाह नहीं बनेगा। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को कहा कि रोहिंग्या अवैध आप्रवासी हैं और उनको उनके मुल्क भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी को भी इस मुद्दे पर भारत को प्रवचन नहीं देना चाहिए क्योंकि देश ने दुनिया में अधिकतम संख्या में शरणार्थियों को अपने यहां शरण दी है। 

रिजिजू ने यहां मीडिया से कहा,‘‘मैं अंतरराष्ट्रीय संगठनों से कहना चाहता हूं कि चाहे ​रोहिंग्या संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के तहत पंजीकृत हैं या नहीं। वे भारत में अवैध आप्रवासी हैं।‘’ गृह राज्य मंत्री ने कहा कि चूंकि वे वैध आप्रवासी नहीं हैं इसलिए उन्हें‘उनके मुल्क भेजा जाना’है।  उन्होंने कहा,‘‘कानून के अनुसार उन्हें देश से निकाला जाना है क्योंकि वे अवैध आप्रवासी हैं। हम महान लोकतांत्रिक परंपराओं वाले देश हैं। भारत ने दुनिया में अधिकतम संख्या में शरणार्थियों को जगह दी है, इसलिए किसी को भी शरणार्थियों से कैसे बर्ताव किया जाए इस पर भारत को नसीहत नहीं देनी चाहिए।‘‘

इस मुद्दे पर सरकार के रुख की कथित आलोचना पर कड़ा रुख अपनाते हुए रिजिजू ने कहा,‘‘हम कानूनी रास्ता अपना रहे हैं, तब क्यों हम पर अमानवीय होने का आरोप लगाया जा रहा है।‘’ उन्होंने कहा कि केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को उन्हें देश से निकालने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। इस बीच, दो रोहिंग्या आप्रवासियों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर उसे केंद्र सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वह उन्हें म्यांमार नहीं भेजे। म्यांमा के पश्चिमी राखाइन प्रांत में हिंसा के बाद रोहिंग्या मुसलमान भारत भाग गए। गौरतलब है कि भारत में 40,000 के करीब रोहिंग्या शरणार्थी हैं। सूत्र बताते हैं कि आने वाले समय में भारत में अवैध रूप से म्यांमार से आए रोहिंग्या को सतत प्रक्रिया के तहत धीरे-धीरे वापस भेजा जाएगा।


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