RepublicDay: जानें कब और कैसे पहली बार फहराया गया था तिरंगा

punjabkesari.in Saturday, Jan 26, 2019 - 09:04 AM (IST)

नई दिल्ली: देश आज 70वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ और हमारा देश गणतंत्र देश के रूप में स्थापित हुआ. इस अवसर को तब से ही गणतंत्र दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरुआत हुई। इस दिन से जुड़ी कई ऐसी बातें है जो जानना बेहद जरूरी है। 

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सबसे पहली बार लाहौर में फहराया गया था तिरंगा
इस दिन हम अपना राष्ट्र ध्वज तिरंगा फहराते है साथ ही राष्ट्रगान भी गाया जाता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर पहली बार 26 जनवरी को तिरंगा कहां फहराया गया था। आपको जानकर हैरानी होगी की लाहौर में पहली बार 26 जनवरी के दिन तिरंगा फहराया गया था। हालांकि लाहौर अब पाकिस्तान का हिस्सा है। लेकिन पहले ये हिन्दुस्तान की सरजमीं का हिस्सा हुआ करता था।इसी लाहौर शहर में 26 जनवरी को विशेष दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई थी।

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पूर्ण स्वराज दिवस 
 वर्ष 1929 में आजादी की लड़ाई के दौरान वर्ष 1929 में कांग्रेस का लाहौर में एक अधिनेशन हुआ था। जिसकी अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू कर रहे थे। 31 दिसंबर 1929 की आधी रात को इस अधिवेशन में एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में कहा गया कि अगर अंग्रेज सरकार  26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिनियन स्टेट का दर्जा नहीं देगी तो भारत अपने आपको पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर देगा। कांग्रेस को उम्मीद थी कि अंग्रेज सरकार इस राय से सहमत होगी लेकिन 26 जनवरी 1930 की तारीख आ गई लेकिन अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया। कांग्रेस सरकार ने जब यह देखा कि अंग्रेजी हुकूमत डोमिनियन स्टेट संबंधी प्रस्ताव में रुची नहीं दिखा रही तब कांग्रेस ने आंदोलन का आह्वान किया। 26 जनवरी 1930 को लाहौर के कांग्रेस दफ्तर पर भारत का तिरंगा झंडा फहराते हुए इस दिन को हर साल पूर्ण स्वराज दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। 

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1947 में जबतक देश आजाद नहीं हुआ तब तक देश इस दिन को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाता रहा था। इसके साथ-साथ एक महत्वपूर्ण फैसला भी लिया गया कि हर साल 26 जनवरी को पूरे देश में पूर्ण स्वराज्य दिवस मनाया जाएगा। देशभर में आजादी की लड़ाई में जुटे सभी स्वतंत्रता सेनानी 26 जनवरी के दिन पूर्ण स्वराज का प्रचार करेंगे। इसी के साथ ही देश की आजादी से पहले ही 26 जनवरी का दिन अघोषित रूप से भारत का स्वतंत्रता दिवस बन गया। और 1930 से लेकर 1947 तक जब तक देश को आजादी नहीं मिली  तब तक भारत इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाता आ रहा है। 


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Anil dev

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