RBI का खुलासा: बैंकों में लावारिस पड़ा है 78,213 करोड़ रुपये... जानें किसका है ये पैसा?
punjabkesari.in Sunday, Jan 26, 2025 - 04:29 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ताजा रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। देश के बैंकों में लावारिस राशि का आंकड़ा 78,213 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में 26 फीसदी अधिक है। यह स्थिति इसलिए गंभीर है क्योंकि यह बताती है कि बड़ी संख्या में लोग अपने बैंक खातों में जमा धनराशि को भुला चुके हैं या उनका कोई दावेदार नहीं है।
लावारिस राशि: आखिर ये होती क्या है?
लावारिस राशि उस धनराशि को कहते हैं जिसे 10 साल तक बिना किसी लेनदेन के बैंक खाते में छोड़ दिया गया हो। यह अक्सर तब होता है जब खाताधारक का निधन हो जाता है या खातों को लंबे समय तक नजरअंदाज कर दिया जाता है।
क्या आपका या आपके परिवार का पैसा इनमें शामिल हो सकता है?
इस लावारिस राशि में आपके दादा-दादी, माता-पिता या अन्य परिजनों के बैंक खाते शामिल हो सकते हैं, जिनकी जानकारी आपके पास नहीं है। इस सवाल का जवाब देने और आपके पैसे को खोजने में मदद करने के लिए RBI ने UDGAM पोर्टल पेश किया है।
UDGAM पोर्टल से कैसे पता करें लावारिस राशि?
- UDGAM पोर्टल पर जाएं: udgam.rbi.org.in
- पोर्टल पर रजिस्टर करें: अपना नाम, मोबाइल नंबर, पासवर्ड और कैप्चा कोड दर्ज करें।
- OTP से सत्यापन करें: मोबाइल पर आए OTP को दर्ज करें।
- जानकारी भरें: खाताधारक का नाम, बैंक का नाम और आईडी प्रूफ (जैसे पैन कार्ड या वोटर आईडी) की जानकारी दें।
- लावारिस राशि की खोज: अगर कोई लावारिस धनराशि पाई जाती है, तो पोर्टल यह जानकारी उपलब्ध कराएगा।
लावारिस धनराशि का दावा कैसे करें?
अगर पोर्टल पर आपके परिवार की कोई लावारिस राशि मिलती है, तो आप अपने पहचान पत्र (जैसे पैन कार्ड) और एड्रेस प्रूफ के साथ संबंधित बैंक में संपर्क करें। कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आप इस धनराशि का दावा कर सकते हैं।
सरकार और RBI के कदम
लावारिस धनराशि की बढ़ती समस्या को देखते हुए सरकार और RBI इसे सुलझाने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स के लिए नए नियम पेश किए हैं, ताकि इस पैसे का सही तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके।
अब, यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप इस सुविधा का लाभ उठाएं और सुनिश्चित करें कि आपके परिवार की मेहनत की कमाई बेकार न जाए।