RBI की नई गाइडलाईन जारी: PhonePe, Paytm, Zomato, Amazon Pay सहित 32 कंपनियों के लिए लागू होंगे ये 6 नियम
punjabkesari.in Tuesday, Sep 16, 2025 - 01:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: रिजर्व बैंक ने डिजिटल भुगतान क्षेत्र में सख्ती बढ़ा दी है। PhonePe, Paytm, Zomato, Amazon Pay सहित 32 प्रमुख पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए RBI ने नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं। अब इन कंपनियों के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य हो गया है और छह अहम नियमों में बदलाव किया गया है, जिनका कड़ाई से पालन करना जरूरी होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिससे उनकी सेवाएं बंद हो सकती हैं।
कंपनियों का वर्गीकरण और नियम
RBI ने पेमेंट एग्रीगेटर्स को उनके कार्य के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटा है – फिजिकल पेमेंट एग्रीगेटर्स (PA-P), क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट एग्रीगेटर्स (PA-CB) और ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर्स (PA-O)। बैंकों को इस कारोबार के लिए अलग से अनुमति नहीं लेनी होती, लेकिन नॉन-बैंकिंग कंपनियों के लिए RBI ने कड़े नियम बनाए हैं। डिजिटल भुगतान के तेजी से बढ़ते चलन को देखते हुए यह कदम बेहद जरूरी हो गया है।
STORY | RBI issues guidelines regulating payment aggregators
— Press Trust of India (@PTI_News) September 15, 2025
As per the Reserve Bank of India (Regulation of Payment Aggregators) Directions, 2025, payments aggregators are categorised into three categories as per the work they undertake.
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लाइसेंसिंग अनिवार्य, बिना लाइसेंस सेवा नहीं
RBI ने वित्तीय स्थिरता और साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पेमेंट एग्रीगेटर्स को लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। अब बिना लाइसेंस के कोई भी कंपनी भुगतान सेवा प्रदान नहीं कर सकेगी। नियमों के उल्लंघन पर न केवल कंपनी की सेवा बंद की जा सकती है, बल्कि उस पर कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है। यह कदम ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर अपराध को रोकने के लिए उठाया गया है।
नेटवर्थ और आवेदन की अंतिम तिथि
पहले पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए न्यूनतम नेटवर्थ 15 करोड़ रुपये का नियम था, जिसे मार्च 2021 तक पूरा करना था। नए नियम के तहत यह सीमा अगले तीन वर्षों में 25 करोड़ रुपये कर दी गई है। कंपनियों को अब 31 दिसंबर 2025 तक लाइसेंस के लिए आवेदन जमा करना अनिवार्य होगा। समय सीमा कई बार बढ़ाई गई थी, लेकिन अब अंतिम समय सीमा स्पष्ट कर दी गई है।
नए नियमों का कड़ा पालन अनिवार्य
अगर पेमेंट एग्रीगेटर नई गाइडलाइंस का पालन नहीं करता है, तो 28 फरवरी 2026 तक उसकी सेवा बंद कर दी जाएगी। इसके साथ ही क्रॉस-बॉर्डर लेनदेन की सीमा 25 लाख रुपये तक सीमित कर दी गई है। भुगतान के लिए ट्रांसफर किए गए पैसे को एस्क्रो अकाउंट में सुरक्षित रखना भी जरूरी होगा, जिससे उपयोगकर्ताओं के फंड की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
डिजिटल भुगतान की दुनिया में RBI का सख्त रुख
यह नया दिशा-निर्देश उस समय जारी हुआ है जब भारत में डिजिटल भुगतान की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है और ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। RBI का मकसद है कि डिजिटल ट्रांजेक्शन सुरक्षित और भरोसेमंद बने, ताकि ग्राहकों का विश्वास बना रहे और वित्तीय प्रणाली मजबूत हो।