जहां नहीं पहुंच पाती सरकार वहां सेना करती है लोगों की मदद:  जनरल रावत

punjabkesari.in Thursday, Mar 01, 2018 - 08:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज सेना के आधुनिकीकरण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब देश सुरक्षित होगा तभी आर्थिक तरक्की होगी। इसके साथ ही उन्होंने सैन्य बलों प्रशंसा करते हुए कहा कि दूरदराज के जिन इलाकों में जहां सरकार नहीं पहुंच पाती वहां सैन्य बल लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सेवाएं मुहैया करा रहे हैं। 

रक्षा बलों को बजट की जरूरत
राष्ट्र निर्माण में सैन्य बलों के योगदान' नाम से आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए रावत ने कहा कि भारत का आर्थिक विकास और सैन्य बलों का आधुनिकीकरण साथ-साथ चलना चाहिए। भारत में विदेशी निवेश का प्रवाह, देश की सीमाओं पर स्थिति और आतंरिक सुरक्षा परिदृश्य के बीच एक संबंध है। उन्होंने कहा कि निवेश को आमंत्रित करने के लिए हमें निवेशकों के बीच भरोसा कायम करना और उसे विकसित करना होगा कि राष्ट्र की सीमाएं सुरक्षित हैं और आतंरिक सुरक्षा के हालात नियंत्रण में हैं। इसके लिए रक्षा बलों को बजट की जरूरत है।

सैन्य बल करती है लोगों की मदद 
रक्षा बजट के बारे में जनरल रावत ने सेना के एक आतंरिक शोध का हवाला दिया जिसमें कहा गया कि सालाना बजट का 35-37 फीसदी जो बलों को दिया जाता है वह राष्ट्र निर्माण में योगदान देता है। उन्होंने कहा कि देश के दूर दराज के इलाकों में अगर आप सड़कों और आधारभूत ढांचे को विकसित कर रहे हैं तो इससे स्थानीय आबादी को लाभ मिलेगा। दूर दराज के क्षेत्रों में जहां तक सरकार की अभी पहुंच भी नहीं बन पाई है वहां सैन्य बल लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा दे रही है। 

सेना प्रमुख ने विभिन्न संरा मिशनों पर भारतीय जवानों को भेजने पर आने वाले खर्च का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जवानों पर सेना खर्च करती है लेकिन संरा की ओर से आने वाली राशि सेना के पास नहीं बल्कि संचित निधि में जाती है। अधिकारियों ने बताया कि सैन्य बलों के आधुनिकीकरण के प्रयास के तहत बीते तीन वर्ष में सरकार ने चार लाख करोड़ रूपये की सैन्य खरीद वाले 136 प्रस्तावों को मंजूरी दी है।


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