Rapido New Traffic Charge: रैपिडो की सवारी होगी महंगी, अब जाम में फंसे तो ढीली होगी जेब, कटेंगे हर मिनट पैसे

punjabkesari.in Wednesday, Jun 04, 2025 - 04:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क। राइड-हेलिंग ऐप रैपिडो ने एक नया चार्ज सिस्टम लागू किया है जिसने यात्रियों को हैरान कर दिया है। अब अगर आपकी राइड के दौरान ट्रैफिक ज्यादा हुआ और यात्रा में देरी हुई तो इसका अतिरिक्त खर्च भी आपको ही उठाना होगा। कंपनी ने नियम बनाया है कि 10 मिनट से ज़्यादा की ट्रैफिक देरी पर हर मिनट 0.50 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा जिसकी अधिकतम सीमा 30 रुपये तय की गई है।

उपभोक्ताओं में भारी नाराजगी

इस फैसले को लेकर बेंगलुरु जैसे शहरों में रैपिडो के खिलाफ भारी नाराज़गी का माहौल है। कई यूजर्स ने इस नियम को अनुचित और शोषणकारी बताया है। उन्होंने सवाल उठाया है कि जब ट्रैफिक उनके नियंत्रण में नहीं है तो फिर उसके लिए चार्ज क्यों लिया जा रहा है?

हेब्बल की रहने वाली पवित्रा राव ने कहा कि उन्होंने पहले ही 40 रुपये टिप दी थी लेकिन फिर भी उन्हें ट्रैफिक के कारण अतिरिक्त शुल्क देना पड़ा। उनका कहना था, ड्राइवर को मेहनताना मिलना चाहिए लेकिन जो बात यात्री के बस में नहीं है उसका चार्ज लेना गलत है। यह तो सीधे-सीधे जबरन वसूली जैसा लगता है।

 

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पहले टिपिंग विवाद, अब ट्रैफिक चार्ज पर बवाल

रैपिडो पर हाल ही में टिपिंग को लेकर भी सवाल उठे थे जब कंपनी ने राइड बुक करते समय ही 'टिप जोड़ें' का विकल्प देना शुरू किया था। इसे लेकर उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 21 मई को CCPA (Central Consumer Protection Authority) से जांच के निर्देश दिए थे। इसके बाद रैपिडो, ओला और उबर ने भाषा में बदलाव कर "Add more (voluntary)" कर दिया था लेकिन यूजर्स का कहना है कि अनुभव अब भी वैसा ही है।

लोगों का कहना है कि ये प्लेटफॉर्म्स अब उन हालातों से पैसा कमा रहे हैं जो ग्राहक के हाथ में ही नहीं हैं। ये सीधे-सीधे उपभोक्ता के भरोसे को खत्म करने वाली बात है। ऐसे मामलों में रेगुलेटर्स को हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

 

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सरकार से सख्त कार्रवाई की उम्मीद

फिलहाल CCPA इस पूरे मामले की समीक्षा कर रही है लेकिन रैपिडो की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उपभोक्ताओं की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं और उम्मीद है कि सरकार इस पर सख्त कार्रवाई करेगी।

रैपिडो का यह कदम सवालों के घेरे में इसलिए भी है क्योंकि अब यात्रियों को उन कारणों का भी भुगतान करना पड़ रहा है जो उनके नियंत्रण में ही नहीं हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि अगर ये ट्रेंड शुरू हुआ तो हर ट्रैफिक सिग्नल एक नया बिल थमा जाएगा। यह देखना बाकी है कि इस नए चार्ज पर सरकार और कंपनी की अगली कार्रवाई क्या होती है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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