राव IAS कोचिंग सेंटर के संचालकों ने NoC के लिए बोला झूठ, डोक्यूमेंट में हुआ बड़ा खुलासा
punjabkesari.in Sunday, Jul 28, 2024 - 05:22 PM (IST)
नई दिल्लीः दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर ने दस्तावेजों में हेरफेर कर बेसमेंट को भंडारण कक्ष के रूप में दिखाया हुआ था, जबकि इसका इस्तेमाल पुस्तकालय के रूप में किया जा रहा था। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। भारी बारिश के बाद शनिवार को कोचिंग सेंटर ‘राव आईएएस स्टडी सर्किल' की इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई।
भवन योजना और अग्निशमन विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के अनुसार, कोचिंग संस्थान ने गलत तरह से यह दर्शाया था कि बेसमेंट का उपयोग पार्किंग और भंडारण कक्ष के रूप में किया जा रहा था। तीन मंजिला कोचिंग सेंटर की भवन योजना को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के संबंधित विभाग ने 2021 में मंजूरी दी थी।
एमसीडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कोचिंग सेंटर के भवन निर्माण प्रमाण पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा है कि बेसमेंट का उपयोग केवल पार्किंग और भंडारण के लिए ही किया जा सकता है। इसका मतलब है कि बेसमेंट का अवैध रूप से पुस्तकालय के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था।''
दिल्ली अग्निशमन सेवा प्रमुख अतुल गर्ग के अनुसार, कोचिंग संस्थान ने अग्निशमन विभाग को भी बेसमेंट के बारे में इसी तरह की जानकारी दी थी, जिससे मानदंडों का उल्लंघन हुआ है। गर्ग ने कहा, ‘‘इमारत के पास अग्निशमन एनओसी है, लेकिन एनओसी में उन्होंने बेसमेंट को भंडारण कक्ष के रूप में दिखाया था। संस्थान का प्रबंधन उसी कमरे का उपयोग कक्षा या पुस्तकालय के रूप में कर रहा था, जो एनओसी का उल्लंघन है।'' उन्होंने आगे कहा कि बेसमेंट से पानी निकालने का कोई रास्ता नहीं था।
स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि इस इलाके में कई अन्य कोचिंग संस्थान हैं, जिनका संचालन बेसमेंट से किया जा रहा है। दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने भवन उपनियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और यह पता लगाने के निर्देश जारी किए हैं कि क्या इस घटना के लिए कोई एमसीडी अधिकारी जिम्मेदार है। बचाव अभियान के दौरान दो छात्राओं और एक छात्र के शव घटनास्थल से बरामद किए गए। यह अभियान एनडीआरएफ, पुलिस और अग्निशमन विभाग ने चलाया।