Ranveer Allahabadia ने FIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2025 - 11:16 AM (IST)

नेशनल डेस्क: यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया, जो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' शो पर किए गए अपने विवादित बयान के कारण सुर्खियों में हैं, अब उनके खिलाफ दर्ज कई FIR को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। यह FIR उनके शो के एक एपिसोड में किए गए अश्लील मजाक को लेकर दर्ज की गई थीं। 10 फरवरी को गुवाहाटी में दर्ज FIR के बाद यह मामला तेजी से बढ़ा और अब यह देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।  

तत्काल सुनवाई करने से इनकार
रणवीर इलाहाबादिया ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज कई FIR को चुनौती दी। हालांकि, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने इस मामले की तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया और कहा कि मामले को सामान्य प्रक्रिया के अनुसार लिया जाएगा। इस फैसले के बाद रणवीर को उम्मीद थी कि उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई होगी, लेकिन अदालत ने इसे सामान्य प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ाने का फैसला लिया।  

असम पुलिस और मुंबई पुलिस की कार्रवाई
असम पुलिस ने रणवीर इलाहाबादिया और उनके साथ शो में शामिल अन्य चार यूट्यूबर्स के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इन आरोपों में कहा गया था कि 'इंडियाज गॉट लेटेंट' शो के एक एपिसोड में इन यूट्यूबर्स ने "अश्लीलता को बढ़ावा दिया और यौन रूप से स्पष्ट और अश्लील चर्चा में शामिल हुए।" इसके बाद असम पुलिस की टीम मुंबई पहुंची और मामले में शामिल लोगों से पूछताछ की। यह FIR गुवाहाटी क्राइम ब्रांच में 10 फरवरी को आलोक बोरुआ द्वारा दायर की गई शिकायत पर दर्ज की गई थी।  

गुवाहाटी क्राइम ब्रांच की जांच
गुवाहाटी क्राइम ब्रांच ने इस मामले को गंभीरता से लिया और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023, आईटी अधिनियम, 2000, सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 और महिलाओं का अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम, 1986 जैसी कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। शिकायतकर्ता आलोक बोरुआ का आरोप था कि इन यूट्यूबर्स ने शो में अश्लीलता को बढ़ावा दिया और महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं, जो समाज में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।  

घटनाक्रम से साफ है कि यह मामला
FIR के बाद, असम पुलिस मामले में शामिल सभी लोगों से पूछताछ करने के लिए मुंबई पहुंची थी। इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि यह मामला न केवल यूट्यूबर्स के लिए, बल्कि पूरे मनोरंजन उद्योग के लिए एक चेतावनी बन गया है, जहां कभी-कभी विवादित बयानों को हल्के में लिया जाता है।  

FIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
रणवीर इलाहाबादिया ने इन FIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने दावा किया कि उनका इरादा किसी को अपमानित करने का नहीं था और वह अपने बयान पर खेद भी व्यक्त कर चुके हैं। इसके बावजूद, उन पर FIR दर्ज की गई है, जिसके खिलाफ उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि, अदालत ने इस मामले की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है और कहा कि इसे प्रक्रिया के तहत लिया जाएगा।  

प्रभावशाली व्यक्तियों के बयानों पर अब कड़ी निगरानी
यह मामला यह भी दिखाता है कि सोशल मीडिया पर सक्रिय यूट्यूबर्स और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों के बयानों पर अब कड़ी निगरानी रखी जा रही है। 'इंडियाज गॉट लेटेंट' शो पर विवादित बयान के बाद अन्य यूट्यूबर्स, जैसे आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह, अपूर्व मखीजा, और समय रैना के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई हैं। ये सभी यूट्यूबर्स इस शो में शामिल थे और उनके बयान भी आलोचना का कारण बने।  

हल्का-फुलका मजाक भी गंभीर कानूनी विवाद में बदल सकता
यह मामला दिखाता है कि कैसे एक हल्का-फुलका मजाक भी गंभीर कानूनी विवाद में बदल सकता है, खासकर जब वह महिला सुरक्षा और समाज के लिए संवेदनशील होता है। भारतीय समाज में महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर अब कड़ा रुख अपनाया जा रहा है, और यह मामला इस बात का प्रमाण है।  

अहमदाबाद और सूरत में प्रस्तावित शो रद्द
इस विवाद से जुड़े एक अन्य यूट्यूबर समय रैना के खिलाफ गुजरात में भी कुछ शिकायतें दर्ज की गई थीं। इसके बाद उनका अहमदाबाद और सूरत में प्रस्तावित शो रद्द कर दिया गया। उनका यह कदम भी इस बात की पुष्टि करता है कि विवादित टिप्पणियों के बाद न केवल कानूनी समस्याएं आती हैं, बल्कि पेशेवर जीवन पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।  


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Content Editor

Mahima

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