झाड़ियों से निकली मौ/त: दादी के सामने पोते को उठा ले गई बाघिन ''सुल्ताना'', चीखों से जंगल में गूंज उठा मातम

punjabkesari.in Thursday, Apr 17, 2025 - 09:11 AM (IST)

नेशनल डेस्क। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग से एक दर्दनाक घटना सामने आई जब एक बाघिन ने झाड़ियों में छिपकर एक 7 साल के मासूम बच्चे पर हमला कर दिया और उसे उसकी दादी के सामने उठाकर जंगल की ओर ले गई। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया और चीखों से जंगल में मातम गूंज उठा।

झाड़ियों में छिपी थी बाघिन, अचानक किया हमला

घटना दोपहर लगभग 3 बजे की है जब श्रद्धालुओं की संख्या मंदिर मार्ग पर कम थी। प्रत्यक्षदर्शी रामसिंह के अनुसार लोग दर्शन कर लौट रहे थे तभी अचानक झाड़ियों से एक बाघिन निकली और कार्तिक सुमन नाम के बच्चे को झपट लिया। बाघिन ने बच्चे की गर्दन अपने मुंह में दबाई और पहाड़ियों की ओर चली गई।

बच्चे की दादी हुई बेसुध, पोती ने देखी घटना

बच्चे की दादी जो अपने पोता-पोती के साथ त्रिनेत्र गणेश मंदिर में शादी का न्योता देने आई थी इस भयावह घटना को देखकर जोर-जोर से रोने लगीं और सदमे में आकर बेहोश हो गईं। उनके साथ मौजूद बच्ची ने भी ये भयावह दृश्य अपनी आंखों से देखा। दादी इतनी विचलित थीं कि अपना नाम और गांव तक नहीं बता सकीं।

 

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वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम और अधिकारी मौके पर पहुंचे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर मार्ग को तत्काल बंद कर दिया गया। झाड़ियों के बीच लगे कैमरों की जांच करने पर पता चला कि बाघिन 'सुल्ताना' बच्चे के शव के पास बैठी थी और उसके पैर पर पंजा रखकर उसे दबाए हुई थी।

पटाखों से हटाया गया बाघिन को, बच्चा नहीं बच सका

करीब दो घंटे तक बाघिन शव के पास बैठी रही। वन विभाग ने बाघिन को हटाने के लिए पटाखों का सहारा लिया। जैसे-तैसे बाघिन को वहां से हटाया गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बच्चे की मौत हो चुकी थी और उसका शरीर बुरी तरह घायल था।

मृतक की पहचान और परिवार की स्थिति

मृत बच्चे की पहचान कार्तिक सुमन (7 वर्ष) पुत्र द्वारका माली निवासी गोहटा थाना देई खेड़ा (बूंदी) के रूप में हुई है। वह अपने परिवार के साथ मंदिर दर्शन और शादी का निमंत्रण देने आया था।

वन विभाग ने बढ़ाई सतर्कता

इस घटना के बाद वन विभाग ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनज़र मंदिर मार्ग को बंद कर दिया है और क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि जंगल क्षेत्र में बिना गाइड या सुरक्षा के प्रवेश न करें।

वहीं रणथंभौर जैसे संरक्षित क्षेत्रों में बाघों और इंसानों का आमना-सामना कई बार खतरनाक रूप ले लेता है। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए बड़ा सदमा है बल्कि वन्यजीव क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करती है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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