आॅफ द रिकार्ड: राम मंदिर बनाम राफेल जैट

punjabkesari.in Sunday, Nov 04, 2018 - 08:32 AM (IST)

नेशनल डेस्क: यह अब राम मंदिर बनाम राफेल जैट के बीच की लड़ाई बन गई है। एक तरफ आरएसएस और भाजपा नेतृत्व राम मंदिर के मामले पर पूरा जोर लगा रहा है और इस मुद्दे की सुनवाई में विलम्ब करने के लिए उच्चतम न्यायालय पर अपनी भड़ास निकाली। दूसरी तरफ कांग्रेस और उसके सहयोगी दल फ्रांस के साथ राफेल जैट विमान सौदे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 
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राहुल गांधी का एक सूत्री एजैंडा अब राफेल सौदा ही है और उन्होंने हाल ही में एक नई कहानी बताई कि अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने ही यह सौदा किया है। इस बात को महसूस करते हुए कि विपक्षी पार्टियां करोड़ों डॉलर के राफेल सौदे को लेकर एकजुट होते हुए सरकार के खिलाफ मैदान में आ रही हैं, आरएसएस-भाजपा नेतृत्व ने राम मंदिर के मुद्दे को अपना लिया। 
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उच्चतम न्यायालय क्या करता है इसकी परवाह किए बिना एक प्राइवेट सदस्य बिल लोकसभा में भी पेश किया जाएगा। भाजपा के सदस्य राकेश सिन्हा ने कहा कि वह राज्यसभा में इस बिल को पेश करेंगे। राज्यसभा में भाजपा को बहुमत प्राप्त नहीं है मगर लोकसभा में भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत है और यह बिल वहां सुखद बहुमत के साथ पास हो सकता है। सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि वह उच्चतम न्यायालय से आग्रह करे कि हिंदू समुदाय के सदस्यों में बढ़ रहे असंतोष के मद्देनजर राम मंदिर के मामले पर शीघ्र सुनवाई पर विचार करे।

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सरकार पीवी नरसिम्हा राव सरकार की तरफ से 1994 में दिए गए इस आश्वासन को भी हटा सकती है जिसमें कहा गया था कि अगर पुरातात्विक विभाग यह सबूत ढूंढ ले कि राम मंदिर अयोध्या में बाबरी मस्जिद से पहले मौजूद था तब यह भूमि राम मंदिर के निर्माण के लिए दी जाए। परिणामस्वरूप एएसआई ने सबूत दिए हैं कि राम मंदिर वहां मौजूद था। कांग्रेस पार्टी के लिए राफेल डील ‘पिगी बैग’ है लेकिन क्या राफेल मामला अयोध्या में राम मंदिर का मुकाबला कर सकता है?


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vasudha

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