पिछले सप्ताह महज तीन घंटे बैठ पाई राज्यसभा, दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहा था विपक्ष

punjabkesari.in Sunday, Mar 08, 2020 - 07:24 PM (IST)

नेशनल डेस्कः बजट सत्र के दूसरे हिस्से के पहले सप्ताह में राज्यसभा तीन घंटे से भी कम समय के लिए बैठ पाई। पिछले महीने दिल्ली की सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा के लिए विपक्ष की मांग के चलते उच्च सदन कोई खास कामकाज कर पाने में नाकाम रहा। सदन के निर्धारित साढ़े 28 घंटे में से करीब 26 घंटे व्यवधान के कारण कोई कामकाज नहीं हुआ। सदन की कार्यवाही दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ़ गई।

तीन सप्ताह के अवकाश के बाद सोमवार को बजट सत्र का दूसरा हिस्सा विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान की मांगों पर चर्चा के लिए बहाल हुआ। अधिकारियों ने बताया कि पहले सप्ताह राज्यसभा महज दो घंटे 42 मिनट के लिए बैठ पाई। सदन व्यवधान और बार-बार स्थगन की वजह से अपना 25 घंटे 48 मिनट गंवा बैठा।

इसके अलावा स्थायी समितियों की बैठकों में अनुदान की मांगों पर चर्चा के दौरान 50 फीसद सांसद गैरहाजिर रहे। सूत्रों के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के 57 फीसद सांसदों, भाजपा के 36 फीसद सांसदों, कांग्रेस के 15 फीसद सांसदों और अन्य दलों के 50 फीसद सांसदों ने अनुदान की मांगों पर राज्यसभा की आठ समितियों की किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया। ये बैठकें 12 फरवरी और एक मार्च के बीच हुई। यही इस संसद सत्र के अवकाश का समय था।

संसद के बजट सत्र के पहले हफ्ते हुए घमासान के बाद अगले सप्ताह बदली रणनीति के तहत विपक्षी दल दोनों सदनों में दिल्ली दंगों के साथ अहम मुद्दों पर सदन में बहस के सहारे सरकार की घेरेबंदी करेंगे। लोकसभा से कांग्रेस के सात सांसदों के निलंबन को लेकर सरकार से जारी तनातनी के बावजूद विपक्ष दिल्ली दंगों की चर्चा में इस विवाद को आड़े नहीं आने देंगे।

वहीं, विपक्षी खेमे की रणनीति में बदलाव की एक वजह होली के बाद पहले कार्य दिवस को ही दिल्ली दंगों पर चर्चा कराने की सरकार की घोषणा है। बजट सत्र के दूसरे चरण का पहला हफ्ता विपक्ष और सरकार की जिद में धूल गया। दिल्ली दंगों पर सबसे पहले चर्चा की मांग से विपक्ष पीछे नहीं हटा तो सरकार भी होली के बाद ही चर्चा कराने के रुख पर अडिग रही। इसी घमासान के दौरान गुरूवार को लोकसभा में कांग्रेस के सात सांसदों को निलंबित भी किया गया जिसने तल्खी और बढ़ा दी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News