राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव BJP के लिए कड़ी चुनौती, विपक्ष देगा टक्कर

punjabkesari.in Saturday, Jun 02, 2018 - 01:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: विपक्ष की एकजुटता ने भाजपा से कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट छीन ली। कर्नाटक में भी कांग्रेस ने जेडीएस को समय पर समर्थन देकर आसानी से सत्ता में वापसी कर ली। ऐसे में लगातार हार का सामना कर रही भाजपा अब राज्यसभा में उपसभापति के चुनाव में किसी भी सूरत में जीत दर्ज करना चाहती है। भाजपा ने साफ किया है कि पार्टी राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी।
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कांग्रेस भी पेश करेगी दावेदारी 
भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम चाहते हैं कि उम्मीदवार सर्वसम्मति से चुना जाए। जरूरत पडऩे पर हम कांग्रेस से भी सहयोग मांग सकते हैं। वर्तमान उपसभापति पी जे कुरियन का कार्यकाल इस माह समाप्त होने से यह पद रिक्त हो रहा है। खबरों के अनुसार बीजद उपाध्यक्ष और राज्यसभा में पार्टी के नेता प्रसन्ना आचार्य और तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर को इस पद के लिए संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस राज्यसभा में उपसभापति पद के लिए दावेदारी पेश करेगी। इसके लिए वह बीजू जनता दल से भी हाथ मिलाने को तैयार है तब जब दोनों ही पार्टियां ओडिशा में कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं।
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एनडीए के पास 105 सांसद
राज्यसभा में बहुमत के लिए 122 सांसदों की जरूरत है जबकि एनडीए के पास 105 सांसद है। इसके अलावा निर्दलीय सांसदों के साथ लाने पर भी भाजपा की उम्मीदवार का जीतना मुश्किल है। वहीं बीजेडी अगर गैर कांग्रेसी दलों का साथ दे तो इस पद पर कांग्रेस की सहमति वाले उम्मीदवार को बैठाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस विपक्ष को एकजुट करने के मक़सद से इस पद के लिए अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार हो सकती है। वह ओडिशा के सत्ताधारी दल- बीजेडी (बीजू जनता दल), पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) या किसी अन्य विपक्षी दल के उम्मीदवार को समर्थन दे सकती है। 
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बीजेडी गैर कांग्रेसी उम्मीदवार का करेगी समर्थन 
एक वरिष्ठ बीजेडी नेता ने कांग्रेस को समर्थन दिए जाने के मामले में पुष्टि करते हुए कहा कि गैर विपक्षी उम्मीदवारों को सभी विपक्षी वोटों को अपनाने के लिए योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि बीजेडी कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन नहीं करेगी लेकिन वह गैर कांग्रेसी उम्मीदवार को समर्थन किए जाने पर विचार कर रही है। अगर कांग्रेस के उम्मीदवार को इस चुनाव में जीत नहीं मिलती है तो 41 साल में यह पहला मौका होगा जब राज्यसभा में कोई गैर कांग्रेसी उपसभापति चुना जाएगा। 
 


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vasudha

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