राज्यसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, भारी हंगामे के बीच 25 विधेयकों पर लगी मुहर

punjabkesari.in Wednesday, Sep 23, 2020 - 05:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस महामारी के साये में आयोजित राज्यसभा का ऐतिहासिक मानसून सत्र बुधवार को अपने निर्धारित समय से करीब आठ दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया। छोटी सी अवधि होने के बावजूद सत्र के दौरान 25 विधेयकों को पारित किया जबकि हंगामे के कारण आठ विपक्षी सदस्यों को रविवार को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि यह सत्र कुछ मामलों में ऐतिहासिक रहा क्योंकि इस दौरान उच्च सदन के सदस्यों को बैठने की नयी व्यवस्था के तहत पांच अन्य स्थानों पर बैठाया गया।

PunjabKesari

ऐसा उच्च सदन के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। इसके अलावा सदन ने लगातार दस दिनों तक काम किया। शनिवार और रविवार को सदन में अवकाश नहीं रहा। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान 25 विधेयकों को पारित किया गया या लौटा दिया गया। इसी के साथ छह विधेयकों को पेश किया गया। सत्र के दौरान पारित किए गए विधेयकों में कृषि क्षेत्र से संबंधित तीन महत्वपूर्ण विधेयक, महामारी संशोधन विधेयक, विदेशी अभिदाय विनियमन संशोधन विधेयक, जम्मू कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक शामिल हैं। नायडू ने बताया कि इस सत्र के दौरान 104.47 प्रतिशत कामकाज हुआ। उन्होंने कहा कि इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर व्यवधान के कारण जहां सदन के कामकाज में तीन घंटों का नुकसान हुआ वहीं सदन ने तीन घंटे 26 मिनट अतिरिक्त बैठकर कामकाज किया। उन्होंने कहा कि पिछले चार सत्रों के दौरान उच्च सदन में कामकाज का कुल प्रतिशत 96.13 फीसदी रहा है। 

PunjabKesari

सभापति ने पिछले दो दिनों से सदन के कामकाज में कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा भाग नहीं लिए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने इस सत्र को बुलाये जाने के पीछे के कारणों का खुलासा करते हुए कहा कि इसे बुलाये जाने की संवैधानिक बाध्यता भी थी। साथ ही उनकी प्रधानमंत्री मोदी से जब बात हुई तो उन्होंने कहा कि जब सभी क्षेत्रों के लोग काम कर रहे हैं तो सांसदों को जो जिम्मेदारी दी गयी है, उसे पूरा किया जाना चाहिए। नायडू ने कहा कि राज्यसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि उपसभापति को हटाये जाने का नोटिस दिया गया। 

PunjabKesari

सभापति ने कहा कि उन्होंने इसे खारिज कर दिया क्योंकि वह नियमों के अनुरूप नहीं था। उन्होंने इसके बाद सदन में हुई घटनाओं को ‘‘पीड़ादायक'' बताया। उन्होंने सदन में अनुपस्थित सदस्यों से अनुरोध किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो और सदन की गरिमा बनी रहे। गौरतलब है कि रविवार को कृषि संबंधी दो विधेयकों के पारित होने के दौरान हंगामे को लेकर सोमवार को आठ विपक्षी सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था। निलंबित किए गए सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, आप के संजय सिंह, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम शामिल हैं। इसी सत्र के दौरान राजग के उम्मीदवार हरिवंश ध्वनिमत से दोबारा राज्यसभा के उपसभापति चुने गये। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News