राफेल में उड़ान भरने के बाद बोले रक्षामंत्री राजनाथ:  यह आक्रामकता नहीं, आत्मरक्षा का हिस्सा

punjabkesari.in Wednesday, Oct 09, 2019 - 12:40 AM (IST)

नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राफेल लड़ाकू विमान में करीब 25 मिनट उड़ान भरने के बाद कहा कि भारत किसी अन्य देश को धमकाने के लिए हथियार नहीं खरीदता है। साथ ही, उन्होंने अपनी उड़ान को बहुत ‘आरामदेह और सुगम' बताया। सिंह ने कहा कि यह विमान भारतीय सेना की लड़ाकू क्षमता को बहुत ज्यादा बढ़ाएगा। यह सिर्फ आत्मरक्षा के लिए है। 

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इससे पहले उन्होंने मेरिनियाक हवाई अड्डा पर विमान का शस्त्र पूजन किया। रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया,‘हम किसी अन्य देश को धमकाने के लिए हथियार या अन्य रक्षा साजो सामान नहीं खरीदते हैं बल्कि हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाने एवं रक्षा पंक्ति को मजबूत करने के लिए इन्हें खरीदते हैं। राफेल विमान खरीद का श्रेय अवश्य ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। उनके निर्णय लेने की क्षमता से हमारे राष्ट्र की सुरक्षा को काफी फायदा पहुंचा है।'

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रक्षामंत्री ने राफेल में अपनी उड़ान को यादगार और जीवन में कभी न भूलने वाला लम्हा बताते हुए कहा,‘मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि मैं सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरूंगा। यह एक बहुत आरामदेह और सुगम उड़ान रही, जिस दौरान मैं इस लड़ाकू विमान की कई क्षमताओं, इसकी हवा से हवा में मार करने की क्षमता और इसकी जमीन पर लक्ष्य भेदने की क्षमता को देख सका।' उन्होंने विमान से उतरने के शीघ्र बाद कहा,‘यह विमान वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बहुत ज्यादा बढ़ाएगा लेकिन यह मजबूती हमला करने के उद्देश्यों के लिये नहीं है बल्कि आत्मरक्षा के लिये प्रतिरोधी क्षमता है और इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है।'

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सिंह ने कहा, ‘मैं हर साल लखनऊ में शस्त्र पूजन करता हूं और आज मैंने फ्रांस में यहां शस्त्र के रूप में राफेल की पूजा की।' मंत्री ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि 36 लड़ाकू विमानों में से 18 विमान फरवरी 2021 तक सौंप दिये जाएंगे, जबकि शेष विमान अप्रैल-मई 2022 तक सौंपे जाने की उम्मीद है। वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ, एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा ने मंत्री के राफेल विमान में उड़ान भरने की निगरानी की। अरोड़ा ने कहा कि वायुसेना के लिए खरीदा गया राफेल विमान पंजाब के अंबाला में और पश्चिम बंगाल के हसीमरा में भारत की हवाई क्षमता को बढ़ाएगा। इनमें से चार विमानों की प्रथम खेप अगले साल मई में भारत पहुंचेगी। तब तक ये विमान प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिये फ्रांस में ही रहेंगे। अरोड़ा ने कहा,‘यह भारतीय वायु रक्षा के लिए अब तक का सबसे शक्तिशाली सैन्य साजोसामान है।

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shukdev

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