चीन के साथ टकराव के बीच राजनाथ सिंह ने लद्दाख दौरा किया शुरू , पूर्व सैनिकाें से की मुलाकात

punjabkesari.in Sunday, Jun 27, 2021 - 03:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि देश के प्रति भारतीय सैनिकों और पूर्व सैनिकों का समर्पण एक ‘अनुकरणीय उदाहरण’ है। लद्दाख की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचने के तुरंत बाद उन्होंने यह बात कही। सिंह की यात्रा का मकसद चीन के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना है।

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रक्षा मंत्री के साथ जनरल एम एम नरवणे भी मौजूद
अधिकारियों ने बताया कि लेह में रक्षा मंत्री ने लेह, कारगिल और लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के निर्वाचित वरिष्ठ प्रतिनिधियों से बातचीत की। रक्षा मंत्री के साथ सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी थे और इस दौरान सिंह ने सशस्त्र बलों के पूर्व जवानों से भी मुलाकात की और उनके कल्याण तथा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। सिंह ने कहा कि देश के प्रति भारतीय सैनिकों और पूर्व सैनिकों का समर्पण एक अनुकरणीय उदाहरण है। मैं तहे दिल से सभी का आभार व्यक्त करता हूं।’’

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पूर्व सैनिकों से की मुलाकात
सिंह के कार्यालय ने उनके हवाले से कहा कि हमारा लक्ष्य है कि आप सब की उसी प्रकार से देखभाल हो जिस प्रकार से आपने देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली है। इन सब के बावजूद अगर आपको कहीं कोई दिक्कत हो तो उसे दूर करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया गया है।’ आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री चीन के साथ संघर्ष के अनेक स्थानों से सैनिकों को वापस भेजने के अगले चरण में गतिरोध के बीच पूर्वी लद्दाख में भारत की अभियानगत तैयारियों की समग्र समीक्षा करेंगे। 

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 पूर्वी लद्दाख में राजनाथ सिंह का यह पहला दौरा
सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री को सेना की 14 वीं कोर के लेह स्थित मुख्यालय में पूर्वी लद्दाख में समग्र स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इस कोर को लद्दाख सेक्टर में एलएसी की रक्षा करने का काम सौंपा गया है। एक समझौते के तहत फरवरी में पैंगोंग झील क्षेत्र से भारत और चीन की सेनाओं द्वारा सैनिकों, टैंकों और अन्य साजो-सामान को पीछे हटाने के बाद सिंह का पूर्वी लद्दाख का यह पहला दौरा होगा। हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देपसांग समेत टकराव वाले कई स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है क्योंकि चीन इन इलाकों से अपने सैनिकों को पीछे हटाने का इच्छुक नहीं है।

 

वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास  60,000 सैनिक तैनात 
डब्ल्यूएमसीसी की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बाकी क्षेत्रों से अपने सैनिकों को पीछे हटाने के उद्देश्य को हासिल करने के लिये जल्द सैन्य स्तर की अगली दौर की वार्ता करने पर सहमति व्यक्त की है। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ संवेदनशील क्षेत्रों में वर्तमान में 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।


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vasudha

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