राजनाथ सिंह ने सैनिकों के साथ मनाई होली, बोले- भारत की वीरता और बहादुरी की राजधानी है लद्दाख
punjabkesari.in Monday, Mar 25, 2024 - 05:53 AM (IST)
नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को लेह में सैनिकों के साथ रंगों का त्योहार होली हर्षोल्लास के साथ मनाया। थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और फायर एंड फ्यूरी कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल रशिम बाली भी इस मौके पर उनके साथ मौजूद रहे। रक्षा मंत्री ने सैनिकों को संबोधित करते हुए दुर्गम इलाकों और प्रतिकूल मौसम में मातृभूमि की रक्षा करने के लिए उनकी वीरता, द्दढ़ संकल्प और बलिदान की सराहना की।
लद्दाख भारत की वीरता की राजधानी
उन्होंने कहा, ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात सैनिकों की सकारात्मक प्रतिबद्धता शून्य से भी कम तापमान से भी ज्यादा मजबूत होती है। उन्होंने कहा कि जैसे दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है, मुंबई वित्तीय राजधानी है और बेंगलुरु प्रौद्योगिकी राजधानी है उसी तरह लद्दाख भारत की वीरता और बहादुरी की राजधानी है।
#WATCH | Ladakh: After celebrating #Holi with armed forces at Leh Military Station, Defence Minister Rajnath Singh addresses Army personnel.
— ANI (@ANI) March 24, 2024
He says, "...The land of Ladakh is not common. It is the land of Siachen, Kargil, Bharat Mata... Ladakh represents the national… pic.twitter.com/QLQL1vtAct
देश को सशस्त्र बलों पर गर्व
सिंह ने कहा, ‘‘पूरा देश सुरक्षित महसूस करता है क्योंकि हमारे बहादुर सैनिक सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। हम प्रगति कर रहे हैं और खुशहाल जीवन जी रहे हैं क्योंकि हमारे सतर्क सैनिक सीमाओं पर तैयार खड़े हैं। प्रत्येक नागरिक को सशस्त्र बलों पर गर्व है क्योंकि वे अपने परिवारों से बहुत दूर रहते हैं ताकि हम होली और अन्य त्योहार अपने परिवारों के साथ शांतिपूर्वक मना सकें। राष्ट्र सदैव हमारे सैनिकों का ऋणी रहेगा और उनका साहस और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।''
लेह के युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की
रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने एक दिन पहले ही सैनिकों के साथ होली मनाने का फैसला किया, क्योंकि उनका मानना हैकि त्योहारों को सबसे पहले देश के रक्षकों के साथ मनाया जाना चाहिए। उन्होंने तीनों सेनाओं के प्रमुखों से एक दिन पहले सैनिकों के साथ त्योहार मनाने की नई परंपरा शुरू करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘कारगिल की बर्फली चोटियों पर, राजस्थान के तपते मैदानों में और गहरे समुद्र में स्थित पनडुब्बियों में सैनिकों के साथ इस तरह का जश्न हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग बनना चाहिए।'' इस अवसर पर सिंह ने राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में लेह के युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।