ऑफ द रिकॉर्डः राजीव शुक्ला ने सोनिया का दिल जीता, ममता का नहीं

punjabkesari.in Sunday, Apr 15, 2018 - 10:21 AM (IST)

नेशनल डेस्कः कांग्रेसी नेता राजीव शुक्ला अंतिम क्षणों में अपनी राज्यसभा सीट कैसे गंवा बैठे, इसकी भीतरी कहानी अब खुलकर सामने आई है। शुक्ला का गांधी परिवार के साथ अच्छा रिश्ता है। प्रियंका गांधी का धन्यवाद जिन्होंने राज्यसभा सीट के लिए टिकट आबंटन के अंतिम दौर में शुक्ला का नाम लिया है। ऐसी अटकलें हैं कि सोनिया गांधी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फोन कर कहा कि राज्यसभा की सीट के लिए राजीव शुक्ला की मदद की जाए। कांग्रेसी उम्मीदवार की जीत के लिए पार्टी के पास सदस्यों की संख्या कम थी और इसे ममता की मदद की जरूरत थी। वामदलों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वे अपने फालतू वोटों को कांग्रेस उम्मीदवार को नहीं देंगे।

ममता ने सोनिया के फोन पर अपना संकोच व्यक्त करते हुए कहा कि इससे अच्छा संकेत नहीं जाएगा क्योंकि राजीव शुक्ला का पश्चिम बंगाल के साथ कभी भी कोई बेहतर संबंध नहीं रहा मगर सोनिया गांधी लगातार कहती रहीं कि शुक्ला का क्रिकेट जगत में महत्वपूर्ण स्थान है और वह पश्चिम बंगाल के लिए निश्चित रूप से बेहतर साबित होंगे। सोनिया के बार-बार जोर देने से ममता हैरान हुईं मगर वह अपने स्टैंड पर अडिग रहीं। ममता ने कहा कि अगर राज्यसभा का टिकट एक क्रिकेटर को देना है तब वह सौरव गांगुली को देना पसंद करेंगी क्योंकि वह पश्चिम बंगाल से संबंध रखते हैं।

तब ममता ने कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी के नाम का उल्लेख किया और कहा कि वह उच्चतम न्यायालय में पश्चिम बंगाल के कई मामलों में पैरवी कर चुके हैं और उनकी पार्टी को सिंघवी का समर्थन करने में कोई आपत्ति नहीं होगी। ममता ने अब गेंद सोनिया के पाले में डाल दी है। ममता राज्यसभा की सभी 5 सीटें जीत सकती थीं। सोनिया ने महसूस किया कि अगर उन्होंने राजीव शुक्ला के मामले में जोर दिया तो यह सीट हार सकती हैं। इस पर वह सिंघवी के नाम पर राजी हो गईं। कांग्रेस के भीतरी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी पार्टी नेता शुक्ला के पक्ष में नहीं थे मगर उनके प्रियंका के साथ अच्छे संबंध थे। अब यह चर्चा है कि प्रियंका ने शुक्ला को आश्वासन दिया है कि जब भी राज्यसभा की कोई सीट रिक्त होगी तो उनको राज्यसभा भेजा जाएगा।


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