LIVE: भाजपा-RSS की नीतियों की वजह से देश चुनौतियों का सामना कर रहा है: चिंतन शिविर में बोलीं सोनिया गांधी
punjabkesari.in Friday, May 13, 2022 - 03:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि उनके ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' (मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस) का मतलब लगातार ध्रुवीकरण करना और डर का माहौल बनाना है।
उन्होंने कांग्रेस के ‘नवसंकल्प चिंतिन शिविर' की शुरुआत के मौके पर पार्टी में बड़े सुधार की बात की और नेताओं का आह्वान किया कि वे ‘विशाल सामूहिक प्रयासों के जरिये पार्टी में नयी जान फूंकें क्योंकि अब पार्टी का कर्ज उतारने का समय आ गया है। उनके संबोधन के बाद कांग्रेस के चिंतन शिविर की शुरुआत हुई। सोनिया गांधी ने कहा कि चिंतिन शिविर हमें यह अवसर देता है कि हम देश के सामने खड़ी उन चुनौतियों पर चर्चा करें जो भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) द्वारा पैदा की गई हैं। उन्होंने कहा कि इस शिविर में राष्ट्रीय मुद्दों और संगठन पर ‘बोल्ड चिंतन' होगा।
ऐसा माहौल पैदा किया गया है कि लोग लगातार डर और असुरक्षा के भाव में रहें। अल्पसंख्यकों को शातिर तरीके से क्रूरता के साथ निशाना बनाया जा रहा है। अल्पसंख्यक हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और हमारे देश के समान नागरिक हैं: 'चिंतन शिविर' में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी pic.twitter.com/WuoWTIoR2J
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 13, 2022
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री और उनके साथियों की ओर से ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' की जो बात की जाती है उसका क्या मतलब है? इसका मतलब निरंतर ध्रुवीकरण करना और डर का माहौल बनाना है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि इस सरकार के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' का मतलब अल्पसंख्यकों को डराना है जबकि अल्पसंख्यक देश के बराबर के नागरिक हैं।
इस सरकार के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' का मतलब राजनीतिक विरोधियों को डराना धमकाना, उन्हें बदनाम करना और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें जेल में डालना है। सोनिया गांधी के अनुसार, भाजपा सरकार के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' का मतलब यह है कि इतिहास पर फिर से गौर किया जाए, स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को कमतर किया जाए तथा महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमामंडन किया जाए।
सोनिया गांधी ने कहा कि भाजपा-RSS की नीतियों की वजह से देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसपर विचार करने के लिए ये शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है। ये देश के मुद्दों पर चिंतन और पार्टी के सामने समस्याओं पर आत्मचिंतन दोनों ही है। सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस में ढांचागत सुधार की बहुत जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हमारे महान संगठन की ओर से समय समय पर लचीलेपन की उम्मीद की जाती रही है। एक बार फिर हमसे उम्मीद की जा रही है कि हम अपना समर्थन और साहस की भावना का परिचय दें। सोनिया गांधी ने कहा कि हमारे संगठन के समक्ष परिस्थितियां अभूतपूर्व हैं। असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जाता है... हमें सुधार की सख्त की जरूरत है। रणनीति में बदलाव की जरूरत है। रोजाना काम करने के तरीके में परिवर्तन की जरूरत है।
उन्होंने कहा मैं यह भी जोर देकर कहना चाहती हूं कि विशाल सामूहिक प्रयासों से ही हमारा पुनरुत्थान हो सकता है। सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं का आह्वान किया कि पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है। अब समय है कर्ज उतारने का। हम अपने विचार खुलकर रखें। लेकिन सिर्फ संगठन की मजबूती, दृढ़निश्चय और एकता का संदेश बाहर जाना चाहिए।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा के लिए लोकतंत्र कोई मायने नहीं रखता। ऐसे फासीवादी लोग धर्म का नाम लेकर सत्ता पर काबिज हो गए। उन्होंने सांप्रदायिक झडप़ों की हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में शांति की अपील करने का नैतिक साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। उनके पास नैतिक साहस नहीं है। गहलोत ने कहा कि हम काम करते हैं, मार्केटिंग नहीं करते। लेकिन ये फासीवादी लोग काम कुछ नहीं करते, सिर्फ प्रचार करते हैं।