मानहानि केस में राहुल का सुप्रीम कोर्ट में जवाब: कहा- माफी मांगने से मना करने पर मुझे अहंकारी कहा गया
punjabkesari.in Wednesday, Aug 02, 2023 - 10:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी उपनाम आपराधिक मानहानि मामले में अपनी दो वर्षों की सजा पर रोक लगाने की एक बार फिर गुहार लगाते हुए उच्चतम न्यायालय के समक्ष कहा है कि शिकायतकर्ता भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी इस मामले में अहंकारी कहना और माफी मांगने के लिए दबाव डालना न्यायिक प्रक्रिया का घोर उल्लंघन है, जिसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। उच्चतम न्यायालय इस मामले में अगली सुनवाई चार अगस्त को करेगा।
वो इस मामले में दोषी नहीं हैं और उनको दी गई सजा कानूनी कसौटी पर आगे खड़ा उतरने वाला नहीं है। शिकायतकर्ता श्री पूर्णेश मोदी के माफी मांगने वाले बयान के संदर्भ में श्री गांधी ने कहा कि अगर उन्हें माफी मांगनी होती तो पहले ही मांग लिया होता। श्री गांधी ने अपने हलफनामे में आगे कहा,‘‘बहुत मामूली अपराध को देखते हुए यह बहुत असाधारण मामला है। एक चुने हुए सांसद के रूप में उन्हें (याचिकाकर्ता) को अपूर्णीय क्षति हुई है।
इस वजह से उनकी सजा पर रोक लगा दी जाए, ताकि वह लोकसभा के मौजूदा और आगे आने वाले सत्रों में भाग ले सकें।'' उच्चतम न्यायालय ‘मोदी सरनेम' यानी मोदी उपनाम की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता श्री गांधी को अपराधिक मानहानि का दोषी ठहराए जाने के खिलाफ दायर उनकी विशेष अनुमति याचिका पर 21 जुलाई को नोटिस जारी किया था। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने श्री गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने वाले गुजरात के विधायक पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर अपना अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था।
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचेे
कांग्रेस नेता गांधी के वर्ष 2019 की एक टिप्पणी के मामले में आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराए जाने और इसके लिए दो साल की सजा देने के मामले में निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगाने वाले गुजरात उच्च न्यायालय के सात जुलाई के फैसले के खिलाफ 15 जुलाई 2023 को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में आपराधिक मानहानि के लिए दी गई दो साल की सजा गांधी की सांसद की सदस्यता चली गई थी।
गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे। गांधी ने बैंक कर्ज घोटाले के आरोपियों में शामिल नीरव मोदी एवं कुछ अन्य का नाम लेते हुए 2019 में एक सभा को संबोधित करते हुए कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनकी टिप्पणी कि ‘ये सभी चोरों के उपनाम मोदी ही क्यों हैं' के लिए निचली अदालत ने मानहानि का दोषी माना था। इसके लिए दो साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले को राहुल गांधी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, लेकिन सजा पर रोक लगाने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
क्या है मामला?
बता दें कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए मोदी सरनेम पर बयान दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था। इस मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने सजा सुनाई थी। हालांकि, राहुल ने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इस कारण राहुल गांधी को अपनी संसद सदस्यता भी गंवानी पड़ी।