अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी के नाम दर्ज हुआ अनचाहा रिकॉर्ड

punjabkesari.in Wednesday, Jul 11, 2018 - 05:55 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से ही राहुल गांधी पार्टी में परिवर्तन लाने की कोशिश कर रहे है। वह एक के बाद एक परंपरा की शुरूआत कर र​हे हैं हालांकि उनके यह प्रयास उल्ट होते दिखाई दे रहे हैं। अध्यक्ष बनने के बाद राहुल ने पार्टी के लिए एक अनचाहा रिकार्ड बना लिया है। कांग्रेस के इतिहास में यह पहली बार है जब सर्वाधिक समय से पार्टी वर्किंग कमेटी के बगैर संचालित हो रही है।
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चार महीने पहले राहुल को कांग्रेस वर्किंग कमेटी बनाने का अधिकार हासिल हो गया था लेकिन वह टीम तैयार करने में नाकमयाब रहे। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखि​रकार राहुल वर्किंग कमेटी बनाने में इतना समय क्यों लगा रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने एक 34 सदस्यीय संचालन समिति (एससी- स्टीयरिंग कमिटी) का गठन किया है। जिससे पहले उन्होंने कांग्रेस से जुड़े मामलों में फैसला लेने वाली सबसे बड़ी यूनिट, केंद्रीय कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी- कांग्रेस वर्किंग कमिटी) को भंग कर दिया था। संचालन समिति को पार्टी के अगले सत्र का सारा काम काज सौपा गया था। 
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बता दें कि पार्टी की परंपरा के अनुसार अध्यक्ष को पहले कांग्रेस वर्किंग कमेटी गठित करनी होती है, फिर उसमें से चुनकर राष्ट्रीय महासचिव बनाने होते हैं। पार्टी के सदस्य ने बताया कि राहुल गांधी पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त करने के बाद ही सीडब्ल्यूसी की सूची फाइनल करना चाहते हैं। 
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वहीं दिल्ली में पार्टी के पूर्ण सत्र के बाद राहुल गांधी ने कुछ राष्ट्रीय महासचिवों की पद से छुट्टी कर दी। जबकि अशोक गहलौत, ओमान चांडी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित तीन नए महासचिव बनाए थे। कांग्रेस अध्यक्ष की इस सोच से पार्टी के तमाम नेता सहमत नहीं हैं। सही नहीं अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी प्रदेश अध्यक्षों की भी नियुक्ति का काम पूरा नहीं कर सके हैं। यूपी, बिहार, हरियाणा, केरल आदि राज्यों में कार्यवाहक अध्यक्षों से काम चलाना पड़ रहा है।


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vasudha

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