राहुल गांधी ने खड़गे से कहा- ''अब एक्शन लीजिए'', CWC बैठक में महाराष्ट्र-हरियाणा की हार पर हुई गंभीर चर्चा
punjabkesari.in Saturday, Nov 30, 2024 - 10:52 AM (IST)
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में अपनी कार्यसमिति (CWC) की बैठक आयोजित की। इस बैठक में पार्टी के भीतर मंथन हुआ कि आगामी चुनावों में अपनी स्थिति को सुधारने के लिए क्या कदम उठाए जाएं। बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हार के कारणों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए चेतावनी दी कि अब जवाबदेही तय की जाएगी और कठोर निर्णय लिए जाएंगे।
ईवीएम पर कांग्रेस का नया रुख और आंदोलन की चेतावनी
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता से गंभीर समझौता किया जा रहा है और इस पर कांग्रेस जल्द ही एक देशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी। खड़गे का मानना था कि ईवीएम के कारण चुनावी प्रक्रिया संदिग्ध हो गई है, और निर्वाचन आयोग का यह संवैधानिक दायित्व बनता है कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करे। कांग्रेस का यह भी दावा है कि पार्टी को चुनावी प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं के खिलाफ व्यापक विरोध करना चाहिए और इस मुद्दे पर वे 'इंडिया' गठबंधन के अन्य दलों को भी साथ लेकर अभियान चलाएंगे।
राहुल गांधी का 'एक्शन' का आग्रह
बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष से स्पष्ट रूप से कहा, "खड़गे जी, एक्शन लीजिए!" उन्होंने हार के बाद की स्थिति को लेकर पार्टी के नेतृत्व से सख्त कदम उठाने का आग्रह किया। राहुल गांधी का मानना था कि कांग्रेस को अपनी नीतियों में बदलाव लाकर जवाबदेही तय करनी चाहिए और साथ ही चुनावी परिणामों से सबक भी लेना चाहिए।
पार्टी में एकता की कमी पर खड़गे की कड़ी टिप्पणी
खड़गे ने पार्टी के भीतर की एकता की कमी पर भी चिंता जताई और कहा कि "आपसी बयानबाजी और एक-दूसरे के खिलाफ टिप्पणी करने से पार्टी को भारी नुकसान हुआ है।" उन्होंने कहा, "जब तक हम अपने भीतर एकता नहीं लाएंगे, हम चुनावी मैदान में सफल नहीं हो सकते।" खड़गे ने पार्टी के नेताओं से यह भी कहा कि वे राष्ट्रीय मुद्दों और नेताओं के बजाय राज्य के स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को अपने प्रदर्शन पर सख्ती से ध्यान देने और अपनी रणनीति को मजबूत करने की सलाह दी।
चुनावी रणनीति पर दी महत्वपूर्ण बातें
खड़गे ने पार्टी के सभी नेताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा कि भविष्य में कांग्रेस को बूथ स्तर तक मजबूत करना होगा और रणनीति को पूरी तरह से व्यवस्थित और समयबद्ध बनाना होगा। उन्होंने कहा, "हमें मेहनत करने के साथ ही चुनावी प्रक्रिया को सही तरीके से पूरा करना होगा। हमें मतदाता सूची से लेकर वोट की गिनती तक हर स्तर पर सजग रहना होगा।"
पी चिदंबरम का ईवीएम पर समर्थन
बैठक के दौरान कुछ नेताओं ने ईवीएम को लेकर खड़गे के रुख पर असहमत होते हुए इसका समर्थन किया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ईवीएम को लेकर खड़गे के बयान का विरोध करते हुए कहा कि पार्टी के भीतर ऐसी बयानबाजी से नेतृत्व की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं, पार्टी के प्रवक्ता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस ईवीएम और चुनावी प्रक्रिया में हुई गड़बड़ियों के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन करेगी, और इसमें 'इंडिया' गठबंधन के अन्य दल भी शामिल होंगे।
महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव परिणामों पर चर्चा
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सबसे अधिक चर्चा महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर हुई। बैठक में पार्टी नेताओं ने महाराष्ट्र में अपने गठबंधन सहयोगी एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) के साथ मिलकर चुनावी नतीजों का गहराई से विश्लेषण किया। सी वेणुगोपाल, पार्टी महासचिव (संगठन), ने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम "सामान्य समझ से परे थे" और ये चुनावी हेरफेर का स्पष्ट उदाहरण प्रतीत होते हैं। कांग्रेस ने यह भी माना कि महाराष्ट्र में उसका प्रदर्शन चौंकाने वाला रहा, जहां पार्टी ने 88 सीटों वाली विधानसभा में केवल 16 सीटें जीतीं। वहीं, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के अन्य दलों की स्थिति भी कमजोर रही, और यह गठबंधन इस चुनाव में पूरी तरह से विफल हो गया।
आंतरिक समितियों का गठन और आगे की रणनीति
कांग्रेस कार्यसमिति ने यह भी निर्णय लिया कि चुनावी प्रदर्शन और संगठनात्मक मामलों की समीक्षा के लिए आंतरिक समितियों का गठन किया जाएगा। ये समितियां राज्यवार चुनावी प्रदर्शन का विश्लेषण करेंगी और पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के उपाय सुझाएंगी।
पार्टी का भरोसा
कांग्रेस कार्यसमिति ने यह भी विश्वास जताया कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जल्द ही राज्यवार समीक्षा पूरी करेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे। पार्टी का कहना है कि वह आने वाले समय में अपना नैरेटिव मजबूत करने के लिए सामाजिक न्याय, जाति जनगणना, और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर जोर देगी। कांग्रेस के भीतर इन अंदरूनी चर्चाओं और विवादों के बीच अब पार्टी को यह तय करना है कि क्या वह अपनी रणनीतियों में बदलाव लाकर आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी। आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के भीतर एक गहरी समीक्षा प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें न सिर्फ नेतृत्व की जिम्मेदारी तय की जाएगी, बल्कि चुनावी प्रक्रिया और पार्टी की आंतरिक स्थिति पर भी गंभीर विचार विमर्श किया जाएगा।