प्रसाद के अपवित्र की खबरें परेशान करने वाली हैं…तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले राहुल गांधी
punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2024 - 11:01 PM (IST)
नेशनल डेस्कः लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने तिरुपति के लड्डू से जुड़े मामले पर चिंता जताते हुए शुक्रवार को कहा कि पूरे देश में प्रशासन को धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
The reports about the defilement of the Prasad at Sri Venkateshwara temple in Tirupati are disturbing.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 20, 2024
Lord Balaji is a revered deity for millions of devotees in India and across the world. This issue will hurt every devotee and needs to be thoroughly looked into.
Authorities…
राहुल गांधी ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के अपवित्र होने की खबरें परेशान करने वाली हैं। भगवान बालाजी भारत और दुनिया भर में लाखों श्रद्धालुओं के लिए पूजनीय देवता हैं। यह मुद्दा हर श्रद्धालु को आहत करेगा और इस पर गहराई से विचार करने की जरूरत है।'' उन्होंने कहा, ‘‘पूरे भारत में प्रशासन को हमारे धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा करनी होगी।''
तेलुगू देशम पार्टी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम द्वारा उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में मिलावट की पुष्टि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा की गई। उन्होंने कथित प्रयोगशाला रिपोर्ट दिखाई, जिसमें स्पष्ट रूप से नमूने में ‘‘गोवंशीय पशुओं की चर्बी'', ‘‘सूअर की चर्बी'' और ‘‘मछली के तेल'' की मौजूदगी की पुष्टि की गई है। नमूना प्राप्ति की तारीख 9 जुलाई थी और प्रयोगशाला रिपोर्ट 16 जुलाई की थी।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तिरुपति मंदिर के प्रसाद का मामला, याचिका दायर
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह याचिका वकील सत्यम सिंह की ओर से दायर की है। उन्होंने अदालत से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रसाद में मिलावट हिंदू धार्मिक रीति रिवाजों का उल्लंघन करता है और अनगिनत भक्तों की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचाता है जो कि प्रसादम को एक पवित्र आशीर्वाद मानते हैं।
याचिका में तर्क दिया गया है कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है जो कि धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करने के अधिकार सहित धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की गांरटी देता है। इसके अलावा याचिका में सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का भी हवाला दिया गया है जो कि जरूरी धार्मिक प्रथाओं की रक्षा के महत्व पर जोर देते हैं। याचिका में इस मुद्दे को संवेदनशील बताते मंदिर प्रशासन की व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं।