''भारत को बाजार नहीं, निर्माण केंद्र बनना होगा'', मेक इन इंडिया पर राहुल गांधी का वार
punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 03:13 PM (IST)

नेशनल डेस्क : कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की 'Make In India' योजना पर कड़ा प्रहार करते हुए इसे झूठे वादों से भरी हुई योजना करार दिया। उन्होंने कहा कि यह पहल देश में असली मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने में पूरी तरह नाकाम रही है।
राहुल गांधी शुक्रवार को दिल्ली के नेहरू प्लेस, जो देश का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट माना जाता है, वहां पहुंचे और स्थानीय तकनीशियनों शिवम और सैफ से मुलाकात की। बातचीत के दौरान उन्होंने भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री, युवाओं की बेरोजगारी और चीन से बढ़ते आयात को लेकर केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए।
असेंबलिंग हो रही है, निर्माण नहीं
राहुल गांधी ने बातचीत में कहा कि भारत में आज जो भी इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे मोबाइल फोन और गैजेट्स बनाए जा रहे हैं, वे दरअसल यहां असेंबल हो रहे हैं, लेकिन उनका असली निर्माण देश में नहीं होता। उन्होंने इसे 'मेक इन इंडिया' की सबसे बड़ी असफलता करार दिया। उनका कहना था, ''अगर 'मेक इन इंडिया' सफल है, तो आज देश में फैक्ट्रियों की संख्या क्यों नहीं बढ़ रही? मैन्युफैक्चरिंग क्यों गिर रही है?'
मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट, बेरोजगारी बढ़ी
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा, 'मेक इन इंडिया ने फैक्ट्री बूम का वादा किया था। लेकिन आज मैन्युफैक्चरिंग GDP का सिर्फ 14% रह गई है, जो रिकॉर्ड निचला स्तर है। बेरोजगारी रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और चीन से आयात दोगुना हो गया है। मोदी जी को सिर्फ नारे आते हैं, समाधान नहीं।' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत का आर्थिक मॉडल युवाओं को पर्याप्त अवसर नहीं देता। नेहरू प्लेस में मिले दोनों तकनीशियन शिवम और सैफ, राहुल के अनुसार, मेहनती और प्रतिभाशाली होने के बावजूद सिर्फ असेंबलिंग तक सीमित रह गए हैं, क्योंकि देश में निर्माण की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
PLI योजना पर भी निशाना
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की एक और प्रमुख योजना PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'सरकार की यह योजना चुपचाप बंद की जा रही है, क्योंकि इससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कोई ठोस सुधार नहीं हुआ।' उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत अपने उत्पाद स्वयं नहीं बनाएगा, तो वह हमेशा दूसरे देशों से आयात पर निर्भर रहेगा, जिसका सीधा नुकसान देश की स्थानीय इकॉनमी और रोजगार पर पड़ेगा।
भारत को बाजार नहीं, निर्माण केंद्र बनना होगा
राहुल गांधी ने आगे लिखा, 'भारत को अब सिर्फ उपभोक्ता बाजार नहीं रहना चाहिए, बल्कि एक मजबूत निर्माण केंद्र बनना होगा। इसके लिए सरकार को ईमानदारी से घरेलू उत्पादकों को प्रोत्साहन और समर्थन देना होगा।' उन्होंने भारत में नीति और सुधार की जरूरत पर जोर दिया, ताकि युवाओं को रोजगार मिले और देश की निर्माण क्षमता को मजबूती मिल सके।
'मेक इन इंडिया' को बताया जुमला
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' योजना जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। उन्होंने आरोप लगाया, 'सच्चाई यह है कि हम निर्माण नहीं, सिर्फ असेंबलिंग करते हैं। चीन इस स्थिति का पूरा फायदा उठा रहा है। मेक इन इंडिया सिर्फ एक जुमला बनकर रह गया है।' उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने निर्माण क्षेत्र में सही कदम नहीं उठाए, तो आने वाले समय में देश की मैन्युफैक्चरिंग पूरी तरह खतरे में पड़ सकती है।