राहुल गांधी ने पुंछ में गोलाबारी से पीड़ितों से की मुलाकात, मनोबल बढ़ाते हुए बोले- चिंता न करें, सब ठीक हो जाएगा

punjabkesari.in Saturday, May 24, 2025 - 12:46 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तानी सेना द्वारा सीमा पार से की गई गोलाबारी के पीड़ितों से मिलने के लिए शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले पहुंचे। यह पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए नृशंस आतंकवादी हमले के बाद से केंद्र शासित प्रदेश का यह दूसरा दौरा है।

स्कूली बच्चों से बातचीत, दिया हौसला-

अपने दौरे के दौरान, राहुल गांधी ने पुंछ के एक स्कूल का भी दौरा किया और सीमा पार से पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित छात्रों से बातचीत की। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, "अब, आपने खतरा और थोड़ी भयावह स्थिति देखी है, लेकिन चिंता न करें, सब कुछ सामान्य हो जाएगा। इस समस्या से निपटने का आपका तरीका यह होना चाहिए कि आप खूब पढ़ाई करें और खूब खेलें और स्कूल में ढेर सारे दोस्त बनाएं।" इस दौरान उनके साथ जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा भी मौजूद थे।

राहुल गांधी ने लिया नुकसान का जायजा-

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने राहुल गांधी के पुंछ दौरे पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया, "सबसे ज्यादा नुकसान पुंछ में हुआ है. राहुल गांधी ने गोलाबारी से प्रभावित हुए लोगों से मुलाकात की और उनके घरों को हुए नुकसान का भी जायजा लिया।" कर्रा ने आगे बताया कि राहुल गांधी उन बड़े संस्थानों का भी दौरा करेंगे जिन्हें गोलाबारी में नुकसान पहुंचा है। वह उन गुरुद्वारों और मंदिरों में भी जाएंगे जो पाकिस्तानी गोलाबारी से क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा, राहुल गांधी उन बच्चों के घरों पर भी जाएंगे जिनकी गोलाबारी में मौत हुई है।

पहलगाम टेरर अटैक और ऑपरेशन सिंदूर-

यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही में सीमा पर तनाव काफी बढ़ा था। पहलगाम नरसंहार के जवाब में 7 मई को भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए थे. इसके बाद पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से आर्टिलरी शेलिंग और मोर्टार से गोलाबारी बढ़ गई थी।

7 से 10 मई के बीच जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी, मिसाइलों और ड्रोन हमलों में कुल 28 लोग मारे गए, जिनमें से 13 अकेले पुंछ जिले में मारे गए थे। इन हमलों में 70 से अधिक लोग घायल भी हुए थे। हजारों लोगों को नियंत्रण रेखा (LoC) और इंटरनेशनल बॉर्डर के निकट के क्षेत्रों से पलायन करके सरकारी राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी थी. चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव समाप्त करने के लिए 10 मई को सहमति बनी थी।

 

 


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News Editor

Radhika

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