राहुल गांधी और खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग
punjabkesari.in Wednesday, Jul 16, 2025 - 02:44 PM (IST)

नेशनल डेस्क : कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक संयुक्त पत्र लिखकर केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग की है।
"We urge upon the Government to bring forward a legislation in the upcoming Monsoon Session of Parliament to grant full statehood to the Union Territory of Jammu and Kashmir.
— Congress (@INCIndia) July 16, 2025
Additionally, we request that the Government bring forward legislation to include the Union Territory of… pic.twitter.com/GQuthpxG79
उन्होंने पत्र में लिखा, "हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह संसद के आगामी मानसून सत्र में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए एक विधेयक लाए। इसके अलावा, हम सरकार से यह भी अनुरोध करते हैं कि वह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए एक विधेयक पेश करे।"
उन्होंने पत्र में कहा कि पिछले पांच वर्षों से जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं। यह न केवल एक जायज़ मांग है, बल्कि उनका संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार भी है। उन्होंने इस तथ्य पर भी ज़ोर दिया कि यह आज़ाद भारत का पहला मामला है, जब एक पूर्ण राज्य को विभाजित कर केंद्र शासित प्रदेश में बदला गया है।
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्र में प्रधानमंत्री मोदी के पिछले बयानों का हवाला देते हुए लिखा, "आपने स्वयं कई मौकों पर राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है। 19 मई 2024 को भुवनेश्वर में दिए गए एक साक्षात्कार में आपने कहा था कि 'राज्य का दर्जा बहाल करना हमारा वादा है और हम इस पर कायम हैं।' 19 सितंबर 2024 को श्रीनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए भी आपने यही बात दोहराई थी। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय में भी यही आश्वासन दिया था कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा वापस दिया जाएगा।" लद्दाख के मुद्दे पर नेताओं ने कहा कि संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने से वहां के लोगों की सांस्कृतिक, विकासात्मक और राजनीतिक आकांक्षाओं को मजबूती मिलेगी। साथ ही, इससे उनकी भूमि, पहचान और अधिकारों की भी रक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।