राहुल गांधी के आरोप पर MEA का पलटवार, सरकार ने नेताओं से मुलाकात की जारी की लिस्ट

punjabkesari.in Thursday, Dec 04, 2025 - 08:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद केंद्र सरकार की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार विदेशी नेताओं को विपक्ष के नेता से मिलने की परंपरा का पालन नहीं कर रही है। इस बयान के बाद विपक्ष के अन्य नेताओं ने भी सरकार पर निशाना साधा। अब विदेश मंत्रालय (MEA) की ओर से इस मामले में स्पष्टीकरण दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, किसी भी विदेशी नेता के दौरे के दौरान MEA उनकी बैठकें सरकारी अधिकारियों और सरकारी संस्थानों के साथ आयोजित करता है। विदेशी प्रतिनिधियों के कार्यक्रम की पूरी जिम्मेदारी सरकार के पास होती है। हालांकि, सरकारी वार्ता के बाद विदेशी नेता किन लोगों से मिलेंगे, इसमें सरकार का कोई दखल नहीं होता। यह निर्णय पूरी तरह उस विदेशी नेता और उसके डेलीगेशन पर निर्भर करता है।

राहुल गांधी से मिले विदेशी नेताओं की सूची जारी
विदेश मंत्रालय ने बताया कि 9 जून 2024 से अब तक कई विदेशी नेता विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात कर चुके हैं। इनमें शामिल हैं:

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना — 10 जून 2024

वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिंग — 1 अगस्त 2024

मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम — 21 अगस्त 2024

मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम — 16 सितंबर 2025

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन — 8 मार्च 2025

MEA ने कहा कि इन मुलाकातों से साफ है कि विदेशी नेताओं को विपक्ष के नेता से मिलने से रोका नहीं गया है।

राहुल गांधी का आरोप
गुरुवार को राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि देश में वर्षों से यह परंपरा रही है कि विदेश से आने वाले नेता विपक्ष के नेता से भी मुलाकात करते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी जारी रही, लेकिन अब सरकार विदेशी मेहमानों को उनसे मिलने से मना करती है। राहुल ने दावा किया कि विदेश यात्रा के दौरान भी उन्हें संदेश मिलता है कि सरकार ने विदेशी नेताओं को उनसे न मिलने को कहा है।

'विपक्ष का नेता भी राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता है' - राहुल गांधी
राहुल गांधी ने आगे कहा कि विपक्ष का नेता भी भारत का प्रतिनिधित्व करता है और इस वजह से विदेशी नेताओं को विविध दृष्टिकोण मिलते हैं। लेकिन मौजूदा सरकार यह नहीं चाहती। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय इस परंपरा का पालन नहीं कर रहे। जब उनसे पूछा गया कि सरकार ऐसा क्यों कर रही है, तो राहुल गांधी ने कहा कि यह उनकी असुरक्षा के कारण है।


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Content Editor

Shubham Anand

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